भाजपा की टेंशन बढ़ी, बहुमत जुटाने के लिए उतारी मंत्रियों की फौज

बेंगलुरु: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्नाटक में सियासी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। भाजपा के लिए यह लड़ाई अब नाक का सवाल बन गई है, क्योंकि यदि कल येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर पाए, तो विपक्ष को फिर यह कहने का मौका मिल जाएगा कि उसने राज्यपाल का इस्तेमाल किया। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने कई केंद्रीय मंत्रियों को बहुमत जुटाने की ज़िम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा अमित शाह खुद पूरे मामले पर प्रधानमंत्री को रिपोर्ट कर रहे हैं। दरअसल, जिस काम के लिए भाजपा को 15 दिन मिले थे अब उसे वो महज कुछ घंटों में करना है। इसलिए पार्टी नेताओं की टेंशन बढ़ गई है। इस बीच, कांग्रेस-जेडीएस अपने विधायकों को वापस लाने की तैयारी कर रही हैं। दोनों दलों ने अपने विधायकों को फूट से बचाने के लिए हैदराबाद पहुंचा दिया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उनके एक विधायक को एक केंद्रीय मंत्री ने बंधक बनाकर रखा है। कांग्रेस के एक विधायक आनंद सिंह लापता बताये जा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमें यह मालूम है। किस मंत्री (केंद्रीय मंत्री) के द्वारा उनको फोन किया गया, बुलाया गया और बाद में पकड़ कर भी रखा।

कांग्रेस भी लुभा रही
सूत्रों की यदि मानें तो कांग्रेस और जेडीएस ने भी भाजपा विधायकों को तोड़ने के लिए उन्हें लुभाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। खबर है कि भाजपा विधायक प्रीतम गौड़ा से कथित तौर कांग्रेस और जेडीएस ने संपर्क किया है। हालांकि गौड़ा इससे इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह अपने दल के लिए उतने ही प्रतिबद्ध हैं जितने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे तक बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा है।