‘ब्रिजिटल’ का लक्ष्य ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटना

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – ग्रामीण और शहरी समुदायों के बीच मौजूद शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं में या महत्वाकांक्षा और उपलब्धियों के बीच मौजूद बड़ी खाई को समझते हुए, एक नई किताब ने तकनीक का सहारा लेते हुए भविष्य में इन चुनौतियों से निपटने के लिए वास्तविक समाधान प्रस्तुत करने की पेशकश की है। इसमें क्लाउड एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए मोबाइल से तैयार समाधान भी शामिल हैं।

‘ब्रिजिटल नेशन : सॉल्विंग टेक्नोलॉजी पीपल प्रॉब्लम’ का सह-लेखन टाटा संस के चेयरमैन और रूपा पुरुषोत्तमन के चीफ इकोनॉमिस्ट एंड हेड ऑफ पॉलिसी एडवोकेसी नटराजन चंद्रशेखरन ने किया है। पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने टाटा संस को एलेन लेन के तहत प्रकाशित करने के लिए अधिग्रहीत कर लिया है। एलेन लेन को अपने मूल और परिवर्तनकारी विचारों को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। किताब सितंबर 2019 में रिलीज होगी।

अच्छी नौकरियां पाने, बेहतर स्वास्थ्य सेवा और कौशल-आधारित शिक्षा जैसी देश की सबसे बड़ी चुनौतियों पर बात करते हुए, इनका परीक्षण करते हुए लेखक उपन्यास लिख रहे हैं। इससे वे भारतीयों को आपस में जोड़ने के साथ सेवाओं का एक नेटवर्क स्थापित करना चाहते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर सेवाओं का आदान प्रदान किया जा सके।

एक बयान के अनुसार, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा व व्यापार सभी क्षेत्रों में इस मॉडल को लागू किया जा सकता है। इससे साल 2025 तक 3 करोड़ नौकरियों का निर्माण करने का अनुमान है।

नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा, “किताब लिखने की प्रक्रिया ने मेरे विश्वास को और भी मजबूत बना दिया कि ब्रिजिटल-एआई और क्लाउड और अन्य संबंधित तकनीकों को जानबूझकर अपनाना भारत और अन्य विकासशील देशों के लिए मुश्किल चुनौतियों में से एक है। ब्रिजिटल में इस बात का ध्यान रखा गया है कि भारत के पास सबसे अधिक क्या है और वह देश को वह देगा, जिसकी देश को सबसे ज्यादा जरूरत है।”