अगस्ता वेस्टलैंड मामला : गवाह के उत्पीड़न के आरोप पर ईडी की सफाई

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में शनिवार को महिपाल सिंह की याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया। महिपाल सिह ने याचिका में दावा किया है कि एजेंसी ने उन्हें अगस्ता वेस्टलैंड मामले में उद्योगपति रतुल पुरी के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया था। महिपाल सिंह अगस्ता वेस्टलैंड मामले में गवाह होने का दावा करते हैं।

एजेंसी ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष दायर अपने जवाब में कहा है कि उक्त आवेदन निंदनीय है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।

महिपाल सिंह द्वारा दर्ज कराए गए बयानों पेश करते हुए ईडी ने कहा कि असत्य बयानी है, इससे अदालत का समय बर्बाद हुआ है।

ईडी के वकील विशेष्ज्ञ लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने कहा, “सवालों में ऐसा कुछ नहीं है, जिसका जवाब दिया जाए। महिपाल सिंह ने कहा है कि ‘मैं नहीं जानता’। यदि मैंने दबाव ही बनाया होता, तो मैं उन्हें यह लिखने की अनुमति देता कि ‘मैं नहीं जानता’?”

महिपाल सिंह की तरफ से पेश वकील आर. के. वाधवा और अजयेंद्र सिंह ने अदालत से कहा, “हमने अपनी शिकायत के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दरवाजा खटखटाया है और मेरा मुवक्किल अपने बयान को वापस लेना चाहता है।”

अदालत ने गवाह महिपाल सिंह के आवेदन को मुख्य मामले के साथ नत्थी कर दिया और अब इस मामले की सुनवाई 18 सितंबर को मुख्य मामले के साथ होगी।

पीठ ने शुक्रवार को कमलनाथ के भतीजे और उद्योगपति रतुल पुरी द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मामले में उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश छह अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया है।

शुक्रवार को रतुल पुरी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत एक व्यक्ति दिल्ली अदालत में घुस गया।

व्यक्ति ने खुद को महिपाल सिंह बताया और कहा कि वह (पुरी के पिता की कंपनी) मोसरबेयर का पूर्व कर्मचारी है। उसने मामले में गवाह होने का दावा करते हुए अदालत को बताया कि ईडी ने उसे प्रताड़ित किया और उसे एक बयान लिखने के लिए मजबूर किया।

रतुल पुरी अपनी कंपनियों के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए सवालों के घेरे में हैं।

ईडी ने आरोप लगाया है कि रतुल पुरी के स्वामित्व वाली और उनके द्वारा संचालित कंपनियों से जुड़े खातों का इस्तेमाल वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वत और काला धन प्राप्त करने के लिए किया गया था।