बुंदेलखंड : 1 लाख ‘परदेसी’ मतदाताओं की वापसी की कवायद

बांदा (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में बांदा जिले के 21 हजार से ज्यादा घरों में ताले लटके हुए हैं। इन घरों के एक लाख से अधिक मतदाता दो वक्त की रोटी के लिए ‘परदेश’ में हैं। लोकसभा चुनाव में इन सभी की वापसी की बहुत कम उम्मीदे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने इनकी वापसी की कवायद शुरू की है।

बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, “सघन पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम के तहत पोलियो टीम शहर, कस्बों और गांवों में घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाती है। यह टीम तालाबंद घरों की सूची भी तैयार करती है। अभी हाल ही में पल्स पोलियो टीमों ने जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में 21 हजार 819 घरों में ताला बंद पाया है। इन घरों के मुखिया अपने परिवार सहित महानगरों में मजदूरी के लिए पलायन कर गए हैं। इस प्रकार बांदा जिले से औसतन एक लाख से ज्यादा मतदाता अपने घरों से बाहर परदेस में हैं। इन्हें चुनाव तक वापस बुलाने की जिम्मेदारी गांवों में तैनात बीएलओ व चौकीदारों को सौंपी गई है।”

उन्होंने कहा कि इन मतदाताओं को वापस बुलाने की प्रक्रिया ’90 फीसदी पार मतदान’ अभियान के तहत चलाई जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया, “जिले के बबेरू विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 3,591 और सबसे कम नरैनी क्षेत्र में 3,140 घरों में ताले बंद पाए गए हैं।” गौरतलब है कि जिलाधिकारी हीरालाल आगामी लोकसभा चुनाव में जिले में ’90 फीसदी हो मतदान, बांदा बने देश की शान’ नारे के साथ एक बड़ा मतदाता जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ गांवों में तैनात चौकीदारों को भी शामिल किया गया है।

लोकसभा सीट संख्या 48 में बांदा और चित्रकूट जिले के हिस्से शामिल हैं और केवल बांदा जिले में पंजीकृत मतदाता 12,99,291 हैं। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 5,88,775 और पुरुष मतदाता 7,10,516 हैं। पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में 52.59 फीसदी मतदान हुआ था। जिसे अबकी बार बढ़ाकर 90 फीसदी के पार करने का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन यदि ये एक लाख परदेसी मतदाता अपने बूथ न पहुंच पाए, तो लक्ष्य अधूरा रह सकता है। बांदा संसदीय सीट के लिए मतदान छह मई को होना है।