बुराड़ी जैसा कांड झारखंड के रांची में 

रांची | समाचार ऑनलाइन
परिवार के सात लोगों ने इस वजह से की खुदकुशी
दिल्‍ली के बुराडी जैसा मामला झारखंड की राजधानी रांची में सामने आया है। जहां राजधानी रांची में बिहार के एक हीं परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या कर ली है। घटना रांची के कांके इलाके के बोडया में घटी है, जहां सभी लोगों का शव किराये के उस घर में मिला है, यहां यह परिवार रहता था। आशंका जताई जा रही है कि सभी ने खुदकुशी कर ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मरने वालों में पांच वयस्क और दो बच्चे शामिल हैं। पुलिस मौके पर पहुंचकर छानबीन कर रही है। एफएसएल की टीम को मौके पर बुलाया गया है। शवों को कब्‍जे में लेकर पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता के मुताबिक शुरुआती जांच में आर्थिक तंगी का कारण सामने आ रहा है। परिवार पैसे की परेशानी के चलते किराया भी नहीं दे पा रहा था। हालांकि अन्य बिन्दुओं पर भी जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में ये खुदकुशी का मामला लग रहा है।
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बता दें कि यह परिवार दीपक झा का था। वह गोदरेज कंपनी में काम करते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं चल रही थी। मरने वालों में दीपक झा, उनकी पत्‍नी, माता-पिता और दो बच्‍चे शामिल हैं. इनमें एक बच्ची की उम्र 4-5 साल, जबकि बेटे की उम्र एक साल से कुछ ज्यादा है।
एसएसपी गुप्ता ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस की टीम के आने के बाद पता चलेगा कि इनकी मौत कैसे हुई। हालांकि, एक व्यक्ति का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। बाकी लोग बिस्तर पर पडे थे। मकान मालिक ने बताया कि भागलपुर के रहने वाले दीपक झा और उसका परिवार कर्ज में डूबा था। कई महीने से उनका किराया भी नहीं दिया। परिवार की मौत का खुलासा तब हुआ, जब दीपक की बेटी को स्कूल ले जाने के लिए वैन आया।  स्कूल वैन के चालक ने हॉर्न बजाया तो कमरे से कोई बाहर नहीं आया। इस पर मकान मालिक के घर का बच्चा उसे बुलाने के लिए चला गया। उसने जो देखा उसके बारे में परिवार के लोगों को बताया। लोगों ने खिडकी से देखा तो वहां का मंजर देखकर सब सन्न रह गये। लोगों ने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही कांके के थाना प्रभारी दल-बल के साथ वहां पहुंच गये।
मकान मालिक जो सेना से रिटायर हैं, उन्होंने बताया कि दीपक कोई फैक्ट्री लगाना चाहता था। उनसे भी कुछ कर्ज ले रखा था। उसके पिता रेलवे से रिटायर हुए थे। उन्होंने बताया कि दीपक और उसका परिवार कर्ज में डूबा था। पूरा परिवार चिंतित रहता था। रविवार की रात उनके बीच किसी तरह का झगडा नहीं हुआ, ऐसा पडोसी भी बताते हैं। दीपक अपने माता-पिता, पत्नी, दो बच्चों और छोटे भाई के साथ यहां रहता था। दीपक गोदरेज कंपनी में सेल्समैन का काम करता था।छोटे भाई रुपेश झा की शादी नहीं हुई थी। उसके पास कोई स्थायी नौकरी भी नहीं थी। हालांकि, वह प्राइवेट जॉब करता था। दीपक और रुपेश के शव फांसी के फंदे से लटके मिले हैं, जबकि बाकी लोगों के शव बिस्तर पर पडे मिले। यहां बता दें कि इससे पहले हजारीबाग में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई थी। बताया गया था कि कर्ज में दबे इस परिवार ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली थी। हालांकि, जांच के दौरान हत्या की आशंका भी व्यक्त की गई थी। इस मामले की जांच अब भी जारी है।