फर्जी खबरों  के बारे में वॉट्सऐप के  रंग बताएंगे असलीयत!

नई दिल्ली  | समाचार  ऑनलाइन
वॉट्सऐप पर फैलती फर्जी खबरों को देखते हुए कंपनी ने हाल ही में कई कड़े कदम उठाए हैं। फेसबुक के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मेसेजिंग सर्विस वॉट्सऐप ने हाल ही में एक मेसेज को 5 से ज्यादा बार फॉरवर्ड ना करने वाला फीचर जारी किया था। अब दिल्ली के एक संस्थान की टीम एक ऐसा ऐप बनाने पर काम कर रही है जो WhatsApp पर आसानी से फर्जी खबरों को पकड़ लेगा। इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, दिल्ली (IIT-D) के कंप्यूटर साइंस के असोसिएट प्रफेसर पोन्नूरंगम कुमारगुरु की अध्यक्षता में यह टीम बनाई गई है। यह टीम एक ऐसा ऐप बनाने पर काम कर रही है जो मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप पर आई खबरों की सच्चाई का पता लगा सकेगा। साथ ही यह ऐप खबर के सोर्स की भी जांच पड़ताल करेगा।

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किसी यूजर को एक मेसेज आता है तो हम ऐसे कलर कोड बनाएंगे जो मेसेज की सत्यता को प्रमाणित करेंगे। अगर ऐप में हरा रंग होगा इसका मतलब है कि मेसेज सही है। पीले रंग का मतलब सिस्टम इस मेसेज को डीकोड नहीं कर पाया और अगर मेसेज आने पर ऐप में लाल रंग आया तो यह दिखाएगा कि मेसेज फर्जी या फेक है। इस पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘मेसेज मिलते ही हम मेसेज से जुड़े कॉमन फैक्टर्स का अध्ययन करेंगे। यह मेसेज में फोटो, कोई लिंक या फिर कोई शब्द हो सकता है। अगर यह फॉरवर्ड किया हुआ मेसेज है तो संभवतया यह फेक मेसेज होगा। उन्होंने आगे कहा कहा कि यह ऐप आनेवाले कुछ महीनों में तैयार हो जाएगा |

बता दें, वॉट्सऐप पर फैली अफवाहों पर देश के कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं। महाराष्ट्र के रैनपाड़ा गांव में वॉट्सऐप पर बच्चा चोरी की अफवाह फैली तो गांव की भीड़ ने शक के आधार पर 5 लोगों की हत्या कर दी। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक राज्य में सामने आया जहां बिदार में बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड़ ने एक शख्स को मार डाला जबकि उसके साथ के 3 लोग बुरी तरह घायल हो गए।