काला धन की जानकारी नहीं दे सकते : पीएमओ  

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन –  काले धन से जुड़ी जानकारी को लेकर आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के एक प्रावधान का हवाला देते हुए विदेशों से लाए गए काले धन से जुड़ी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है। मामले की जांच और आरोपियों के खिलाफ मुकदमे के बाधित होने के मद्देनजर आरटीआई का यह अधिनियम सूचनाओं के खुलासे पर रोक की मंजूरी देता है। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 16 अक्टूबर को एक प्रस्ताव पारित कर पीएमओ को 15 दिनों के भीतर काले धन से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा था।
भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी ने आरटीआई के जरिये सरकार से सवाल पूछा था कि जून, 2014 से लेकर अभी तक विदेश से कितना काला धन भारत लाया गया है।  जिस पर पीएमओ ने कहा कि मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन पहले ही कर लिया गया है और उसकी जांच जारी है। व्हिस्लब्लोअर ब्यूरोक्रेट संजीव चतुर्वेदी द्वारा दाखिल आरटीआई का जवाब देते हुए पीएमओ ने कहा कि सरकार द्वारा की जा रही तमाम कार्रवाई का इस वक्त खुलासा करने से जांच की पूरी प्रक्रिया या आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई बाधित हो सकती है। जिसके कारण इस मामले को आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(एच) के तहत खुलासे से छूट मिलती है। पीएमओ ने कहा कि यह जांच विभिन्न सरकारी जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों के दायरे में है। जिसे आरटीआई एक्ट के दायरे से बाहर रखा गया है।
पीएमओ ने बीते साल अक्टूबर में आरटीआई के शुरुआती जवाब में कहा था कि यह सवाल पारदर्शिता कानून की धारा 2(एफ) के दायरे में नहीं है, जो सूचना को परिभाषित करता है। इसके बाद चतुर्वेदी ने सीआईसी का दरवाजा खटखटाया, जिसने पिछले महीने पीएमओ को सूचना की जानकारी 15 दिनों के भीतर देने का आदेश दिया।
मौजूदा समय में भारत में या विदेश में कितना काला धन है, इसे लेकर अधिकारियों की तरफ से कोई जानकारी दी गई है। अमेरिकी थिंक टैंक ग्लोबल फाइनैंशल इंटीग्रिटी (जीएफआई) के एक अध्ययन के मुताबिक, 2005-2014 के बीच भारत में लगभग 770 अरब डॉलर काला धन आया। रिपोर्ट के मुताबिक, इसी अवधि में 165 अरब डॉलर काला धन देश से बाहर गया। बतादें की नोटबंदी के बाद से विरोधी पार्टियां भी इसी सुर को पकड़े हुए है और बात-बात पर काले धन के मुद्दे पर सरकार को घेरती है।