पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की लापरवाही या असंवेदनशीलता?

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन
 
हवलदार को सौंपी हिंजवडी डबल गैंगरेप की जांच
नए पुलिस आयुक्तालय का कामकाज शुरू हुए माहभर से ज्यादा समय बीत चुका है, मगर अब तक कंट्रोल रूम, प्रेसनोट, महिला विंग, पासपोर्ट वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण कामकाज को सुचारु करने तक में पिंपरी चिंचवड़ पुलिस नाकाम साबित नजर आ रही है। गुरुवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद उसे पुलिस की लापरवाही कहें या फिर असंवेदनशीलता? यह सवाल खड़ा हो गया है। बीती रात आईटी हब के तौर पर न केवल भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हिंजवडी में एक डबल गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात उजागर हुई। दो मासूम बच्चियों को दो नराधमों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। अस्पताल में दाखिल एक मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आज सुबह जब मीडिया को प्रेसनोट जारी की गई तब इस संगीन मामले की जांच को एक अदने से हवलदार को सौंपे जाने की जानकारी सामने आयी। हांलाकि सवा दो घंटे बाद यह गलती ध्यान में आ गई और महिला पुलिस उपनिरीक्षक को जांच की कमान सौंपे जाने की दुरुस्ती समेत दूसरी प्रेसनोट जारी की गई।
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आईटी हब के तौर पर पहचाने जाने वाले पिंपरी चिंचवड के हिंजवडी इलाके में दो मासूम बच्चियों के साथ गैंगरेप किए जाने की चौंकानेवाली वारदात उजागर हुई है। इस घटना के सदमे में एक बच्ची कोमा में चली गई थी बाद में उसकी मौत हो गई। उसका पुणे के ससून हॉस्पिटल में इलाज जारी था। पुलिस के अनुसार चॉकलेट का लालच देकर दोनों बच्चियों के साथ बारी- बारी से दुष्कर्म किया गया है। हिंजवड़ी पुलिस ने इस मामले में गणेश निकम नामक एक आरोपी को गिरफ्तार कर किशोर उम्र के दूसरे आरोपी को भी हिरासत में लिया है। रविवार की दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब दोनों बच्चियां कासारसाई स्थित संत तुकाराम सहकारी चीनी मिल के पास के एक मंदिर में गयी थी। इसी मिल में काम करनेवाले कर्मचारियों की कालोनी में रहनेवाले गणेश और उसके साथी ने बच्चियों को चॉकलेट का लालच देकर अपने पास बुलाया और मंदिर के पीछे झाड़ियों में ले जाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने बच्चियों को धमकी भी थी, यदि यह बात किसी को बतायी तो उन्हें जान से मार देंगे। इस धमकी की वजह से दोनों खामोश रही।
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शारीरिक और मानसिक रूप से चोटिल दोनों लड़कियों की तबियत बिगड़ गई जिसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया वह बच्ची बेहोश हो गई। इसके चलते दोनों को अस्पताल में ले जाया गया। बेहोश बच्ची की हालत गंभीर रहने से उसे पुणे के ससून हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहाँ डॉक्टरों को उसके साथ दुष्कर्म किये जाने की बात पता चली और उन्होंने उसके माता-पिता और पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने दूसरी लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरी हकीकत बता दी। इसके बाद कोमा में चली गई लड़की की बीती रात मौत हो गई और उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराइ। पुलिस ने मामले की गंभीरता भांपते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। आज सुबह जब पिंपरी चिंचवड़ पुलिस मीडिया को प्रेसनोट जारी की तब इस मामले की जांच एक हवलदार को सौंपे जाने का उल्लेख पाकर काफी हैरत हुई। जब पुलिस को अपनी गलती का अंदाजा हुआ तब महिला पुलिस उपनिरीक्षक को जाँच सौंपे जाने के उल्लेख युक्त सुधारित प्रेसनोट भेजी गई। हांलाकि इस वाकये को पुलिस की लापरवाही कहा जाय या फिर असंवेदनशीलता? यह सवाल जरूर खड़ा हो गया है।