चंद्रकांत पाटिल पुणे के पालकमंत्री बने

पुणे/मुंबई : समाचार ऑनलाईन – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य मंत्रिमंडल में बदलाव की जानकारी देते हुए पुणे और जलगांव जिले के पालकमंत्री का पद क्रमशः चंद्रकांत पाटिल और गिरीश महाजन को सौंपने की घोषणा की। भारी बहुमत से संसदीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे गिरीश बापट के अधीनस्थ खाद्य व नागरिक विकास मंत्रालय का दायित्व पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल को सौंपा गया तथा संसदीय कामकाज मंत्रालय का जिम्मा शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के कंधे पर डाला गया।

मुख्यमंत्री ने पत्रकार-वार्ता में मंत्रिमंडल में बदलावों की जानकारी दी और स्पष्ट किया कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। हालांकि उन्होंने इसकी तारीख नहीं बताई। पुणे लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद गिरीश बापट ने राज्य मंत्रिमंडल में अपने पदों से इस्तीफा दिया था। पुणे के पालकमंत्री का पद राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल को सौंपा गया। इसके अलावा जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन को जलगांव का पालकमंत्री बनाया गया। इससे पहले पुणे के पालकमंत्री का पद राधाकृष्ण विखे-पाटिल को सौंपे जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म था, लेकिन बाद में चंद्रकांत पाटिल का नाम आगे आया। फिलहाल विखे-पाटिल के हाथ खाली हैं तथा माना जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है।

गौरतलब है कि गुरुवार को ही सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार में नये नामों तथा रावसाहेब दानवे के सांसद बनने के बाद अगले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा की गई है।

पवार को मात देने के लिए भाजपा का मिशन पश्चिम महाराष्ट्र
पुणे के पालकमंत्री के पद पर विखे-पाटिल के बजाय चंद्रकांत पाटिल को बैठाने के पीछे भाजपा की बड़ी रणनीति मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को पूरी तरह मात देने के लिए भाजपा का मिशन पश्चिम महाराष्ट्रफ शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को होम टाउन में मात देने के लिए राजस्व व सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल को पालकमंत्री के पद का जिम्मा सौंपा गया है। लोकसभा चुनाव में भले ही सुप्रिया सुले जीत गई हो, लेकिन चंद्रकांत पाटिल ने एनसीपी के मतों में भारी सेंध लगाई और एनसीपी नेताओं को जिले में ही बांधे रखा। कुल मिलाकर भाजपा अपनी इस रणनीति में कामयाब हो गई। पाटिल का यहां जबर्दस्त जनसंपर्क है। सहकारिता मंत्रालय उनके अधीन रहने से पश्चिम महाराष्ट्र की राजनीति में वे एनसीपी को झटके पर झटके दे सकते हैं।

चंद्रकांत पाटिल पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर विधान परिषद् में पहुंचे हैं। वर्ष 2014 में केंद्र व राज्य में भाजपा की सत्ता आने के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र सहयोगी माने जाने वाले पाटिल को राज्य मंत्रिमंडल में स्थान मिला। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पश्चिम महाराष्ट्र की 10 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
राज्य में आगामी अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं तथा अगस्त में आचारसंहिता लगने की संभावना है। ऐसे में इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि इन तीन-चार महीनों के लिए पुणे का पालकमंत्री किसे बनाया जाएगा? कहा जा रहा है कि इस पद हेतु पिंपरी-चिंचवड़ भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप या पर्वती की विधायक माधुरी मिसाल के नाम भी चर्चा में थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने आंतरिक स्पर्धा टालने के लिए चंद्रकांत पाटिल को पालकमंत्री बनाया।

प्रकाश मेहता की कुर्सी पर लटकी तलवार?
राजनीतिक गलियारे में दबी जुबान में यह चर्चा की जा रही है कि राधाकृष्ण विखे-पाटिल को मंत्रिमंडल में स्थान देने के लिए राज्य के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता की कुर्सी पर तलवार लटकाई गई है। उल्लेखनीय है कि प्रकाश मेहता लोकायुक्त जांच के घेरे में फंस गए हैं। उनके खिलाफ ताडदेव की एम।पी। मिल कंपाउंड में चल रहे एसआरए प्रॉजेक्ट में बिल्डर को फायदा पहुंचाने और मुख्यमंत्री के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन आरोपों की लोकायुक्त जांच चल रही है। माना जा रहा है कि विपक्ष द्वारा अपने दामन पर दाग लगाए जाने से पहले मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।

गिरीश महाजन की जिम्मेदारी बढ़ी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी मंत्रियों में गिरीश महाजन का नाम लिया जाता है तथा वर्तमान समय में भाजपा में उनका कद बढ़ा है। गिरीश महाजन के कामकाज का अहाता देखकर उन्हें एक और जिले का पालकमंत्री बनाया गया है। इसी के साथ अब महाजन नासिक व जलगांव इन दो जिलों के पालकमंत्री होंगे। इस वजह से गिरीश महाजन की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है।