अप्रैल से घर खरीदना होगा सस्ता, लाखों की होगी बचत

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – अब सपनों का घर खरीदना आपके लिए सस्ता हो सकता है। क्योंकि जीएसटी काउंसिंल के अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट और सस्ते घरों पर जीएसटी घटाने से आपको घर खरीदते समय लाखों का फायदा मिलेगा। दरअसल अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैटों पर मौजूदा 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी कर दी गई है। अगर आप घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो 1 अप्रैल तक रुकना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप पहली बार घर अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट में फ्लैट खरीद रहे हैं तो अभी तक 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करना होता है। वहीं एक अप्रैल से यह दर घटकर 5 फीसदी हो जाएगी। यानी जीएसटी में 7 फीसदी की कमी। इसके चलते 45 लाख रुपए की प्रॉपर्टी पर 3.15 लाख रुपए की सीधे बचत होगी। अगर आप पहली दफा घर खरीदने जा रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत होम लोन पर 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह कुल 5.82 लाख रुपए की बचत होगी।

देश में घरों की कमी को दूर करने के लिए किफायती घरों की परिभाषा भी बदली गई है। मेट्रो शहर में 60 वर्ग मीटर (करीब 650 वर्ग फीट) के घर फिफायती श्रेणी में जबकि नॉन-मेट्रो शहरों में यह आकार 90 वर्ग मीटर (970 वर्ग फीट) कर दिया गया है। शर्त यह है मकान की कीमत 45 लाख रुपए तक हो। इसका मतलब यह हुआ कि 45 लाख रुपए तक के मकान किफायती श्रेणी में आएंगे।

ऐसे मिलेगा फायदा –
– अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी 5 फीसदी तय हुआ।

– बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी 5 फीसदी लगेगा।

– RBI के प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग नियमों के हिसाब से 45 लाख रुपये तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे और उसपर 1% जीएसटी लगेगा।

– अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी कम करने पर सहमति बनी।

– अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1 फीसदी जीएसटी लगाने को मंजूरी।

– 45 लाख रुपये तक के अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने को मंजूरी।

– नए दरें 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगे। 60 वर्ग मीटर तक के मकान शहरों में और 90 वर्ग मीटर तक के मकान मेट्रो शहरों में अफोर्डेबल सेगमेंट के अंदर आएंगे और इनपर 1 % जीएसटी लगेगा।

– 45 लाख रुपये तक के घर पर 1 फीसदी जीएसटी लगाने को मंजूरी।