चुनाव और रमजान पर जावेद अख्तर का बड़ा बयान

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – चुनाव आयोग द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान के बाद से अब एक नया विवाद सामने आ गया है। दरअसल इन तारीखों को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई है। इसके साथ ही उनके ओर से मई में रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव कराए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव आयोग से तारीखें बदलने पर विचार करने की मांग की है।

इस मुद्दे पर बॉलीवुड फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे रमजान और चुनावों के बारे में हो रही बहस घिनौना लगता है। यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और विक्षेपित संस्करण है, जो मेरे लिए प्रतिकारक, विद्रोही और असहनीय है। चुनाव आयोग को इस पर विचार नहीं करना चाहिए। एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने 6 मई से 19 मई के बीच होने वाले लोकसभा चुनाव कार्यक्रम को लेकर कहा कि 5 मई को मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने यानी रमजान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद नजर आ जाता है तो 6 मई को पहला रोजा होगा। रमजान के दौरान देश में छह, 12 और 19 मई को वोटिंग होगी। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि चुनाव आयोग को देश के मुसलमानों का ख्याल रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करना चाहिए था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह मई माह में होने वाले मतदान की तारीखें बदलने पर विचार करे।

इसके साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने भी रमजान के दौरान चुनाव कराये जाने पर नाखुशी जाहिर की है। शाइस्ता ने कहा कि चुनाव भी लोकतंत्र का पर्व है, लेकिन अगर इसकी घोषणा में सभी समुदायों की भावनाओं का ख्याल किया जाता तो खुशी होती। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में रोजा रहकर वोट देने में तकलीफों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही नमाज में भी बाधाएं आएंगी।

वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर बीजेपी कार्यालय से संचालित होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पवित्र रमजान के महीने में तीन चरणों का लोकसभा चुनाव कराना मुस्लिम समुदाय के लिए मतदान को कठिन कर देने की साजिश और बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश है।