पानी किल्लत के लिए चोरी और अवैध नल कनेक्शन जिम्मेदार

मनपा आयुक्त का खुलासा; 31 अक्टूबर के बाद से दर्ज करेंगे आपराधिक मामले

पिंपरी। संवाददाता

बीते कुछ दिनों से पिंपरी चिंचवड शहर में निर्माण पानी की भारी किल्लत के लिए अवैध नल कनेक्शन की बढ़ती संख्या जिम्मेदार है। यह खुलासा करते हुए मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जलापूर्ति व्यवस्था में पानी का रिसाव, चोरी आदि का प्रमाण 38 फीसदी तक पहुंचने की चौंकानेवाली जानकारी भी दी। अवैध कनेक्शन धारकों से 31 अक्टूबर तक नियमितीकरण की प्रक्रिया में हिस्सा लेकर अपने कनेक्शन नियमित कराने की अपील के साथ ही 31 अक्टूबर के बाद पानी चोरी के लिए पुलिस में आपराधिक मामले दर्ज करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।

शनिवार को सर्व साधारण सभा में पानी की किल्लत पर सवा छह घँटे तक मैराथन बहस चली। सत्तादल भाजपा ने कृत्रिम किल्लत निर्माण किये जाने का आरोप लगाते हुए मनपा आयुक्त का बचाव किया। यहाँ तक कि किल्लत को लेकर सभागृह में उनसे स्पष्टीकरण मिलने तक का इंतजार किये बिना सभा स्थगित कर दी। इसके बाद आज मनपा आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन में अपने अधिकारियों का बचाव करते हुए किल्लत के लिए शहरवासियों को जिम्मेदार ठहराया। अगर उनके कहे अनुसार अवैध कनेक्शन और चोरी किल्लत के हालात के लिए जिम्मेदार है तो इतने हालात बिगड़ने तक का इंतजार क्यों किया गया? यह अहम सवाल खड़ा हुआ है।

बरसाती मौसम में वापसी की बारिश संतोषजनक नहीं हुई है। हर साल सितंबर तक पवना बांध पूरा भरता रहा इस साल जुलाई में ही बांध भर गया और पानी छोड़ने की नौबत आई। उसी में अवैध नल कनेक्शन की संख्या लगातार बढ़ रही है। मनपा द्वारा इसका सर्वे किया जा रहा है। 31 अक्टूबर तक जो लोग मनपा के सर्व साधारण सभा मे तय की गई नीति के अनुसार नियमितीकरण की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। यह चेतावनी देते हुए मनपा आयुक्त हार्डिकर ने किल्लत के हालात दूर होने तक जलापूर्ति विभाग के सभी इंजीनियर और अन्य अधिकारियों की छुट्टियां रद्द किये जाने की जानकारी भी दी।

अवैध कनेक्शन के लिए पाइपलाइन में कहीं भी और गलत तरीके से टैपिंग की जा रही है। इससे रिसाव और अशुद्ध जलापूर्ति जैसी समस्याएं बढ़ रही है। पानी की किल्लत कृत्रिम रहने के आरोपों की जांच के लिए थर्ड पार्टी नियुक्त की गई है। इसमें दोषी पाए जानेवाले अधिकारियों को बिलकुल बख्शा नहीं जाएगा, यह भी आयुक्त ने एक सवाल के जवाब में बताया। अगर कटौती जैसे कटु फैसले टालने हैं तो शहरवासियों को भी अपना सहयोग देना होगा। जो निर्माणकार्य व्यवसायी अवैध रूप से पानी का इस्तेमाल करते पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कार्रवाई में सियासी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ भी पुलिस की मदद से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।