40 लाख की फिरौती के लिए ओसवाल की हत्या 

– पैसों की मांग पूरी नहीं करने पर की हत्या
पुणे समाचार ऑनलाइन-शहर के वाडा विकसित करनेवाले रिकबचंद ओसवाल व्यापारी की 40 लाख रुपए के लिए हत्या कर दी गई थी। ओसवाल की लाश को मौजे शिलीम गांव की सीमा में फेंक दिया गया था। इस हत्या की गुत्थी को पुणे ग्रामीण पुलिस की स्थानिक अपराध शाखा द्वारा सुलझा लिया गया है।  पैसों की मांग पूरी नहीं करने की वजह से व्यापारी की दो शातिर आरोपी ने मिलकर हत्या कर दी थी। दो दिनों तक गुप्त स्थान में लाश को छुपाकर रखा था। लाश को ठिकाने लगाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

महेंद्र शांताराम बोडके (धनकवडी) व अजय प्रदीप बारमुख (इंदिरानगर भोसरी) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार व्यापारी रिकबचंद रायचंद ओसवार (70, महात्मा फुले पेठ) यह स्वारगेट से लापता हो गए थे। खडक पुलिस स्टेशन में इस मामले में मिसिंग दर्ज की गई थी। 10 जनवरी से वह लापता था। उसके बाद लाश  13 जनवरी को भोर पुलिस स्टेशन अंतर्गत मौजे शिलीम गांव के इलाके में नाणे दांड इलाके में तुकाराम डेरे की जमीन पर मिली थी। दोनों ने हात से सीने के पास रस्सी से बांधकर व मुंह में रुमाल बांधकर फेंक दिया था। उसके बाद इस मामले में भोर पुलिस स्टेशन के पुलिस पाटिल ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवायी थी। पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप पखाले व भोर विभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अण्णासाहब जाधव ने स्थानिक अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक पद्माकर घनवट ने जांच कर इस हत्या की गुत्थी सुलझायी।

उसके बाद पुलिस निरीक्षक घनवट ने पुलिस उपनिरीक्षक रामेश्वर धोंडगे के मार्गदर्शन में एक स्वंतत्र जांच टीम नियुक्ति की थी। उसके बाद उन्होंने तकनीकी विश्लेषण  व गोपनीय जानकारी के जरिए जांच की शुरुवात की। इस दौरान महेंद्र शांताराम बोडके व अजय प्रदीप बारमुख इन दोनों ने ओसवाल की हत्या करने की बात सामने आयी। उसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ओसवाल से पैसों की मांग की थी। पैसा नहीं देने की वजह से हत्या कर दो दिनों तक लाश गुप्त स्थान में रखा गया था। लाश को ठिकाने लगाने के लिए मौजे शिलीम गांव के इलाके में झाड़ियों के बीच फेंक दिया गया था।

चार दिनों के अथक प्रयास के बाद पुलिस निरीक्षक पद्माकर घनवट, पुलिस उपनिरीक्षक रामेश्वर धोंडगे, सहायक पुलिस फौजदार दिलीप जाधवर, पुलिस हवालदार दयानंद लिमण, चंद्रकांत झेडे, जगदीश शिरसाठ, राजू चंदनशिव, शंकर जम, मोरेश्वर इनामदार, मुकुंद आयाचित, पुलिस नाईक सचिन गायकवाड, विशाल सालुंखे, पुलिस कॉन्सटेबल बालासाहेब खडके, अक्षय नवले की टीम ने की।