मध्यप्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी, फिर भी भाजपा को राज्यपाल से आस

भोपाल: समाचार ऑनलाइन – मध्‍यप्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। मंगलवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना बुधवार सुबह 8.15 बजे तक चली। कांग्रेस यहां 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि भाजपा के खाते में केवल 109 सीटें आईं। लिहाजा अब सारा दारोमदार बसपा, सपा और निर्दलीयों पर है। बसपा को 2, समाजवादी पार्टी को 1 सीट मिली है और तथा 4 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इस बीच दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर राज्‍य में सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही है।

मध्‍य प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍य में सीएम पद के दावेदारों में शामिल कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राज्‍यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि उन्‍हें सरकार बनाने का मौका दिया जाए ताकि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर सकें। कमलनाथ ने दावा किया कि उन्‍हें निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।

उधर, बहुमत से 6 सीटें दूर रह गई भाजपा ने भी कहा है कि वह राज्‍यपाल से मिलेगी और सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। मध्‍य प्रदेश भाजपा के अध्‍यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है। कई निर्दलीय और अन्य हमारे के संपर्क में हैं। कमलनाथ ने राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखे अपने पत्र में कहा है, ‘कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और उसे बहुसंख्‍यकों का समर्थन हासिल है। सभी निर्दलीयों ने भी कांग्रेस को समर्थन देने का आश्‍वासन दिया है।

शिवराज पर फोड़ा ठीकरा-
चुनाव में हार का ठीकरा अब शिवराज सिंह पर फोड़ने का दौर शुरू हो गया है। अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे लाल सिंह आर्या ने आरोप लगाया कि शिवराज द्वारा दिए गए ‘कोई माई का लाल रिजर्वेशन खत्‍म नहीं कर सकता…’ बयान और एससी/एसटी ऐक्‍ट को लेकर आए अध्‍यादेश की वजह से चुनाव में उनकी हार हुई है।