पुरस्कृत प्रत्याशियों के प्रचार से दूर रहेगी कांग्रेस

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  कभी पिंपरी चिंचवड़ शहर पर एकछत्र शासन करनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पर भोसरी और चिंचवड़ विधानसभा में सीधे अपना प्रत्याशी देने की बजाय अन्य प्रत्याशियों को पुरस्कृत करने की नौबत आयी है। भोसरी में भूतपूर्व विधायक विलास लांडे को पुरस्कृत किया गया है। वहीं चिंचवड़ में पार्टी प्रत्याशी प्रशांत शितोले का नामांकन खारिज होने से शिवसेना के बागी प्रत्याशी राहुल कलाटे को पुरस्कृत करने की गतिविधि शुरू है। इस प्रयास को राष्ट्रवादी के मास्टरस्ट्रोक की तौर पर भी देखा जा रहा है। मगर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने इस मास्टरस्ट्रोक में ब्रेक लगा दिया है।
कांग्रेस के शहराध्यक्ष सचिन साठे ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि जो लोग जातीयवादी पार्टियों के करीब थे या है उन्हें कांग्रेस कभी समर्थन नहीं देगी। राष्ट्रवादी के साथ गठबंधन के बाद वरिष्ठ स्तर से राष्ट्रवादी के प्रत्याशियों के प्रचार करने के आदेश दिए गए हैं न कि राष्ट्रवादी के पुरस्कृत प्रत्याशी के। राष्ट्रवादी ने चिंचवड़ और भोसरी विधानसभा चुनाव क्षेत्रों से निश्चित रूप से किसे प्रत्याशी घोषित किया है? इसकी संदिग्धता कायम है। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद ही प्रचार की भूमिका स्पष्ट की जाएगी। भोसरी व चिंचवड़ विधानसभा में पुरस्कृत प्रत्याशी के प्रचार में राष्ट्रवादी हमें अपने साथ न समझें, यह चेतावनी उन्होंने दी है।
इस संवाददाता सम्मेलन से पूर्व काँग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व सभी सेलों के पदाधिकारियों की प्राधिकरण में एक बैठक हुई। इसमें शहर में विधानसभा की एक भी सीट न मिलने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई गई। कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और जातीयवादी पार्टियों के हमेशा से खिलाफ रही है और रहेगी। लोकसभा चुनाव में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने पार्थ पवार व डॉ अमोल कोल्हे का प्रचार किया। गठबंधन धर्म का पालन करने के आदेश विधानसभा चुनाव में भी हैं मगर पुरस्कृत प्रत्याशियों के प्रचार को लेकर कोई आदेश नहीं है। राष्ट्रवादी को चाहिए कि पुरस्कृत करने से पहले कांग्रेस के साथ चर्चा करें। इस संवाददाता सम्मेलन में भूतपूर्व महापौर कविचंद भाट, सेवादल के राष्ट्रीय सहसचिव संग्राम तावडे, वरिष्ठ नेता निगार बारस्कर, सुदाम ढोरे, अनूसचित जाति विभाग के प्रदेश कार्याध्यक्ष गौतम आरकडे, ओबीसी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्रसिंह वालिया, मयूर जैसवाल, लक्ष्मण रुपनर, भाऊसाहेब मुगुटमल, मकरध्वज यादव, सुंदर कांबले, शितल कोतवाल आदि उपस्थित थे।