‘स्मार्ट’ बाणेर में गार्डन की जमीन बिल्डर की झोली में डालने की साजिश

पुणे। समाचार ऑनलाइन

एक तरफ केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल पुणे के बाणेर को ‘स्मार्ट’ एरिया के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस कड़ी में यहाँ कई अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ यहां की बुनियादी सुविधाओं पर ही अतिक्रमण करने की कोशिश जारी है। बाणेर में गार्डन के लिए आरक्षित एक जमीन के आरक्षण को ही बदलने की तैयारी शुरू है। यह सारी उधेड़बुन पुणे के जाने- माने बिल्डर की खातिर की जा रही है, यह जानकारी सामने आई है। प्रशासन और बिल्डर की इस मिलीभगत का पर्दाफाश होने के बाद स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने आरक्षण में बदलाव की कोशिशों पर कड़ी आपत्ति जताई है।

गौरतलब हो कि, बाणेर में स.नं.35/1/2 की जमीन पर पुणे मनपा के जी 3 गार्डन का आरक्षण है। यह जमीन काफी मौके की और हाइवे टच है, इस पर बिल्डरों की नजर है। इस जमीन को हथियाने के लिए कोशिशों की कड़ी में प्रशासन के साथ मिलीभगत कर एक बड़े बिल्डर ने गार्डन का आरक्षण हटाने की साजिश रची है। यही नहीं राज्य सरकार ने इस जमीन पर गार्डन का आरक्षण हटाकर उसे रिहायशी जमीन में तब्दील करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। इसके लिए नगररचना के नियम 37(1) के तहत कार्यवाही कर लोगों से आपत्ति व सुझाव भी मंगाए गए। मगर स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों की परियोजनाओं का कार्यान्वन कर रही पुणे मनपा और स्मार्ट सिटी कंपनी को इसकी भनक तक न लग सकी। स्थानीय नागरिक व जनप्रतिनिधि भी इससे बेखबर रहे।

मौके की जमीन बिल्डर की झोली में डालने की साजिश पर से पर्दा उठने के बाद सत्तादल भाजपा के स्थानीय नगरसेवक अमोल बालवड़कर ने आरक्षण हटाने की प्रक्रिया का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने मनपा आयुक्त से यह जमीन गार्डन के लिए ही आरक्षित रखने की मांग की है। उन्होंने बताया कि, बाणेर की इस जमीन के मूल मालिक ने यहां के गार्डन का आरक्षण बदलकर उसे रिहायशी जमीन में तब्दील करने की कोशिश शुरू की है। आरक्षण बदलने को लेकर हमारा विरोध है, अगर प्रशासन ने विरोध को नजरअंदाज किया तो उसे स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है, यह चेतावनी भी उन्होंने दी है। बहरहाल इस विवादित जमीन का 7/12 ‘पुणे समाचार’ के हाथ लगा है, जिसे पाठकों की जानकारी के लिए खबर के साथ जोड़ा गया है।