बढ़ सकती हैं नगरसेवक दीपक मानकर की मुश्किलें

पुणे समाचार

पूर्व महापौर और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक दीपक मानकर की मुसीबतें बढ़ सकती है। हाई कोर्ट के एक और खंडपीठ ने अंतरिम जमानत के आवेदन की सुनवायी पर सिरे से नकार दिया है। दीपक मानकर ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने के लिए जज अजय गडकरी ने शुक्रवार को असमर्थता दिखायी है।

दीपक मानकर की अंतरिम जमानत की अर्जी पर सोमवार को न्यायमूर्ती साधना जाधव के खंडपीठ में सुनवाई हुई थी, लेकिन याचिका पर सुनवाई करने में खंडपीठ ने असमर्थता दर्शायी। उसके बाद मानकर ने दूसरे खंडपीठ के सामने याचिकाा दाखिल की थी। दूसरे खंडपीठ ने भी सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इसलिए अब मानकर को नए खंडपीठ में याचिका दाखिल करनी होगी। शहर पुलिस दल के गनमैन शैलेश जगताप के भाई जीतेंद्र जगताप ने कुछ दिनों पहले हडपसर रेलवे स्टेशन के सामने कूदकर आत्महत्या की थी। उन्होंने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिख रखा था। जिसमें दीपक मानकर, बिल्डर सुधीर कर्नाटकी और बाकी लोगों को नाम थे। रेलवे पुलिस ने जीतेंद्र जगताप को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मानकर और बाकी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जांच के लिए समर्थ पुलिस स्टेशन की ओर ट्रांसफर किया था। पुलिस ने जगताप को आत्महत्या करने के लिए उकसाने के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था और दो लोग खुद पुलिस स्टेशन में हाजिर हुए थे।

दीपक मानकर ने सबसे पहले शिवाजीनगर स्थित कोर्ट में अंतरिम जमानत मिलने के लिए आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उसके बाद मानकर ने हाईकोर्ट में आवेदन किया। जिसपर सुनवाई के लिए खंडपीठ ने इंकार कर दिया। इसलिए उन्होंने दूसरे खंडपीठ में आवेदन किया था। दूसरे खंडपीठ ने भी उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इंकार दिया। जिसकी वजह से मानकर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है।