मोबाइल पर बिना इजाजत कॉल रिकॉर्ड करना गुनाह : दारुल उलूम देवबंद 

सहारनपुर : समाचार ऑनलाइन – इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर मोबाइल फोन पर बिना इजाजत एक दूसरे की कॉल रिकॉर्ड किये जाने को गुनाह करार दिया है। दारुल उलूम देवबंद ने बिना इजाजत किसी भी व्यक्ति की कॉल रिकॉर्ड करने को गुनाह और अमानत में खयानत बताया है। संस्था के फतवा विभाग से किसी व्यक्ति ने मुफ़्ती ए कराम से पूछा था कि मोबाइल पर आवाज को रिकॉर्ड करना आम बात है और कई मोबाइल सेट में तो ऑटो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था होती है। बात करने वाले को भी इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसकी आवाज रिकॉर्ड की जा रही है।

दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग की खंडपीठ के मुफ़्ती ए कराम ने इस सवाल के जबाव में कहा है कि इस्लाम धर्म से आपसी बातचीत करने वालों की अमानत होती है और बातचीत की रेकरिंग को किसी अन्य को सुनाना तथा उसका मजाक बनाना अमानत में खयानत होती है । उन्होंने कहा, इसलिए बिना इजाजत कॉल को रिकॉर्ड करना उचित नहीं है।

एक अन्य फतवे में दारुल उलूम देवबंद ने किसी भी कार्यकर्म में सामूहिक रूप से मर्दो और औरतों के एक साथ खड़े होकर खाने को इस्लाम के खिलाफ बताया है । देवबंद के ही एक शख्स ने इफता विभाग से किसी भी कार्यकर्म में खाने पिने की सामूहिक व्यवस्था तथा मर्दों और औरतों के एक साथ खड़े होकर खाने को लेकर सलवा किये थे । इसके जबाव में मुफ्तियों की खंडपीठ ने सामूहिक तौर पर कहा है कि सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों का एक साथ किसी भी कार्यक्रम में शामिल होकर खाना खाना न केवल नाजायज़ है, बल्कि गुनाह भी है । खंडपीठ ने मुसलमानों को इस तरह की चीजों से बचने की नसीहत दी है । खंडपीठ का खाना था कि यह इस्लामी तहजीब नहीं, बल्कि गैरों की तहज़ीब है।

देखना होगा इस फतवे का किस तरह से विरोध होता है । उच्च मुस्लिम वर्ग इस तरह के फतवे को शायद ही माने।