महात्मा गांधी पर गंभीर आरोप, घाना यूनिवर्सिटी ने हटाई प्रतिमा

घाना : समाचार ऑनलाइन – अफ्रीका की घाना यूनिवर्सिटी ने ‘गांधी मस्ट फॉल’ आंदोलन के तहत महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटा दिया है। बता दें कि ये आंदोलन 2016 में यूनिवर्सिटी के लोगों के द्वारा शुरू किया गया था। आंदोलनकारी महात्मा गांधी को नस्लवाद का फ्रीडम फाइटर बता रहे हैं। इसके मद्देनज़र घाना यूनिवर्सिटी ने अपने परिसर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटवा दिया है।

‘गांधी मस्ट फॉल’ आंदोलन की शुरुआत के दो साल बाद यूनिवर्सिटी ने यह कदम उठाया है। हालांकि इसका खुलासा नहीं हुआ है कि प्रतिमा को कब हटाया गया। सितंबर 2016 में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने ‘गांधी मस्ट फॉल’ नाम से एक मूवमेंट (आंदोलन) चलाया था। उन्होंने गांधी पर जाति व्यवस्था का समर्थन करने का आरोप लगते हुए बापू के एक लेख का भी उल्लेख किया था, जिसमें कथित रूप से गांधी ने लिखा था- भारतीय ब्लैक अफ्रीकन से कहीं ज्यादा सुपीरियर हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ अफ्रीकन स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर अकोसुआ अडोमाकू अमपोफो ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। बता दें कि साल 2016 में जून में तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा इस प्रतिमा का अनावरण किया गया था।