कोलकाता, 2 दिसंबर
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे है। राज्य का राजनीतिक वातावरण अभी से काफी गर्माने लगा है। ऐसे में पिछले लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस से नाराज चल रहे ममता सरकार के मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने कुछ दिनों पहले मंत्री पद और तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनके भाजपा में जाने की चर्चा हो रही थी। लेकिन ममता ने डैमेज कंट्रोल कर लिया है।
शुभेंदु अधिकारी पिछले साल भर से ममता सरकार की कैबिनेट की बैठक से अनुपस्थित रह रहे थे। साथ ही उनके तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने की चर्चा बंगाल की राजनीति में घूम रही थी। पश्चिम बंगाल की राजनीति का बड़ा नाम शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के नेतृत्व में बनी सरकार में परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। कुछ दिनों से उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। अपने इस्तीफे में अधिकारी ने कहा है कि मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने राज्यपाल को इस संबंध में जानकारी दे दी है। आपने मुझे राज्य की सेवा करने का मौका दिया इसके लिए मैं आपका आभारी हूं।
अपने संगठनात्मक कौशल के कारण शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस में वैकल्पिक नेतृत्व के रूप में सामने आई थी। दो बार सांसद रहे अधिकारी नंदीग्राम में हुए आंदोलन के बाद चर्चा में आये थे। इस आंदोलन ने बंगाल की राजनीति की दिशा बदल दी थी। ऐसे में उनके पार्टी छोड़कर जाने से ममता को नुकसान हो सकता था। इस वजह से तृणमूल कांग्रेस के सीनियर नेता अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर ने मंगलवार को अधिकारी से इस बारे में चर्चा की। उत्तर कोलकाता में एक जगह दो घंटे तक अधिकारी से चर्चा की गई। इस बैठक में सौगात राय और सुदीप बन्धोपाध्य मौजूद थे।
तृणमूल दवारा किये गए दावे के अनुसार अधिकारी को समझा लिया गया है। उनकी नाराजगी दूर हो गई है । उनके कुछ सवाल थे उसके हल जरुरत थी। इस लिए यह बैठक की गई। अधिकारी पार्टी के बड़े नेता है और संस्थापक सदस्यों में से एक है। नंदीग्राम आंदोलन के बाद 2011 में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी।