बात जब हंसने-हंसाने की हो तो जसपाल भट्टी का नाम अपने आप जहन में आ जाता है. भट्टी के ‘उल्टा-पुल्टा’ और ‘फ्लॉप शो’ जैसे कर्यक्रम लंबे समय तक लोगों को गुदगुदाते रहे, आज भी यदि इनकी एक झलक चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाती है. दुनिया को हंसाने वाले जसपाल भट्टी आज ही के दिन यानी 25 अक्टूबर 2012 को दुनिया से रुखसत हो गए थे. उनकी मौत एक सड़क हादसे में हुई थी.
भट्टी को 1990 के दशक में उनकी कम बजट और मारक क्षमता वाली टीवी सीरीज ‘फ्लॉप शो’ के चलते घर-घर में पहचान मिली थी. इसकी प्रोड्यूसर उनकी पत्नी सविता भट्टी थीं. वैसे तो इस सीरीज में सिर्फ 10 ही एपीसोड शूट किए गए, लेकिन सभी ने इसे सराहा था. दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले’फ्लॉप शो’ और ‘उल्टा-पुल्टा’ के चलते ही जसपाल भट्टी को किंग ऑफ कॉमेडी कहा जाने लगा था.
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जसपाल भट्टी उन मुद्दों को उठाते थे जो आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करते हैं. ‘फ्लॉप शो’, ‘उल्टा-पुल्टा’ के साथ ही ‘सेहजी की एडवाइस’, ‘फुल टेंशन’, ‘थैंक्यू जीजा जी’ और ‘ढाबा जंक्शन’ जैसे उनके शो ने टीवी की दुनिया में धमाल मचा दिया था. इनके अलावा वह टीवी शो ‘कॉमेडी का किंग कौन’ में जज के तौर पर शामिल हुए, और पत्नी सविता के साथ डांस रियलिटी शो ‘नच बलिए’ में भी उन्होंने ठुमके लगाए था.
भट्टी ने कई फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने 1999 में एक पंजाबी फिल्म बनाई जिसका नाम था- ‘माहौल ठीक है‘. यह उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी. इसी तरह फिल्म ‘फना‘ में उन्होंने एक गार्ड जॉली सिंह का किरदार निभाया, जबकि फिल्म ‘कोई मेरे दिल से पूछे‘ में उन्होंने कॉलेज प्रिंसिपल की भूमिका अदा की थी. ऐसे ही ‘मौसम‘, ‘कुछ ना कहो‘, ‘जानी दुश्मन‘, ‘हमारा दिल आपके पास है‘, ‘ये है जलवा‘, ‘आ अब लौट चलें‘ और ‘जानम समझा करो‘जैसी फिल्मों में भी जसपाल भट्टी ने अभिनय किया था. उनका जन्म 3 मार्च 1955 को अमृतसर में हुआ था.