फडणवीस सरकार ने धनगर समाज से धोखाधड़ी 

एसटी वर्ग की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार के धनगर आरक्षण के प्रति गंभीर न होने का प्रमाण सोमवार को लोकसभा में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दिये गये एक लिखित उत्तर से मिला। महाराष्ट्र में बड़े-बड़े भाषण देकर व आश्वासनों साथ सब्जबाग दिखाकर धनगर बंधुओं के सामने शेखी बघारने वाली फडणवीस सरकार ने इससे संबंधित प्रस्ताव केंद्र को भेजा ही नहीं।खुद केंद्रीय मंत्री ने ही लिखित जवाब में सोमवार को यह जानकारी दी।

इस पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में धनगर समाज के वोट हासिल करने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस व भाजपा ने धनगर बंधुओं को आरक्षण का सब्जबाग दिखाया।जब भाजपा विपक्ष में थी तब फडणवीस ने बारामती में आकर धनगर समाज को पहली कैबिनेट में आरक्षण देने का वादा किया था।अब उनकी सरकार बनकर 4 साल हो गये और केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है, लेकिन उन्होंने वादा पूरा नहीं किया।यह संसद का अंतिम सत्र है और ऐसे में धनगर समाज को एसटी वर्ग में शामिल न किया जाना दुःखद है।हमारी सीएम से मांग है कि वह अपना आश्वासन पूरा कर समाज के साथ न्याय करें।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार धनगर समाज को एसटी वर्ग में शामिल कराने की सिफारिश करने वाला प्रस्ताव ही नहीं भेजा।जब तक राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव नहीं आता तब तक महाराष्ट्र के धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं दिया जा सकता।

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के बाद रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया व केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को इस संबंध में सरकार के पास सिफारिश भेजना जरूरी है।यह पूरी प्रक्रिया संपन्न हुए बिना धनगर समाज को एसटी की सूची में शामिल करना असंभव है।