जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता के विवादित बोल, कहा- बयान, अब जो बाइडेन लागू कराएंगे 370

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : जम्मू-कश्मीर से पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 हटाया गया था। इसके बाद से ही तमाम जम्मू कश्मीर के नेता इस मुद्दे पर बयानबाजी करते रहे हैं। 370 का हटना उनके दिल में नासूर की तरह चुभ रहा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला,  उमर अब्दुल्ला , महबूबा मुफ्ती  जम्मू कश्मीर में फिर से धारा 370, 35ए लागू करने की वकालत कर चुके हैं। अब जम्मू-कश्मीर  यूथ कांग्रेस  के नेता जहांजेब सिरवाल ने कहा है, जो बाइडेन   के अमेरिकी राष्ट्रपति  बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35A को फिर से बहाल कराएंगे। कांग्रेस नेता सिरवाल ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इस वीडियो संदेश के जरिए इस नेता ने कहा है, यह किसी एक व्यक्ति की जीत नहीं,  बल्कि विचारधारा की जीत है। इसका भारत की राजनीति और जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बयान पर हंगामा हुआ तो इस नेता ने सफाई में कहा कि मैंने बाइडेन से मदद मांगने की बात नहीं की है। हम भारत की अखंडता से कोई समझौता नहीं करेंगे।’ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राष्ट्रवाद का ठेका केवल भारतीय जनता पार्टी  ने नहीं ले रखा है। पूरी दुनिया में इस्लामोफोबिया का खौफ फैलाया जा रहा है, जो गलत है। अब बाइडेन भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे, जिसके बाद आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने का फैसला वापस लिया जाएगा।’’

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब जम्मू-कश्मीर के नेता आर्टिकल-370 को वापस लागू करने की मांग कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता आर्टिकल-370 को फिर से लागू करने की बात कह चुके हैं। हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि एक समय आएगा जब केंद्र सरकार खुद लोगों से हाथ जोड़कर पूछेगी कि आपको विशेष दर्जा की बहाली के अलावा क्या चाहिए। मुफ्ती ने हिरासत से बाहर आने के बाद जम्मू में पहली रैली में कहा, ”केंद्र सरकार ने लोगों की आवाज को दबाया और वे उन्हें बात नहीं करने दे रहे हैं। यह प्रेशर कुकर जैसा है। उन्होंने ऐसा माहौल बना दिया है। लेकिन जब प्रेशर कुकर फटता है तो पूरे घर को जला डालता है। याद रहे, जम्मू-कश्मीर से पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था।

5 अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शाषित प्रदेश में बांट दिया था। इसके फैसले को लागू करने से पहले जम्मू-कश्मीर के सभी प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। इन नेताओं को धीरे-धीरे कुछ महीनों बाद रिहा किया गया। हाल ही में प्रमुख नेताओं में रिहा होने वालीं महबूबा मुफ्ती थीं।