क्या गिरफ़्तारी से बचने के उपाय भी खोज लिए हैं दाती महाराज ने?

नई दिल्ली: शनि की कुदृष्टि से बचने के उपाय बताने वाले दाती महाराज ने लगता है पुलिस की गिरफ़्तारी से बचने के उपाय भी तलाश लिए हैं। 25 वर्षीय युवती द्वारा महाराज पर बलात्कार का आरोप लगाये जाने के कई दिनों बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। अब अदालत को भी यह बात खटकने लगी है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पूजा तलवार ने पुलिस से सवाल किया है कि दाती महाराज को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?, जबकि सर्च वारंट तक जारी हो चुके हैं। साथ ही कोर्ट ने डीसीपी को निर्देश दिया कि वो जांच की निगरानी करें और हर सप्ताह स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी। हालांकि पुलिस का कहना है कि वो छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के संस्थापक मदन लाल उर्फ़ दाती महाराज व उसके तीन सौतेले भाइयों को तभी गिरफ्तार करेगी जब उनके खिलाफ सबूत मिल जाएंगे।

नहीं हैं सबूत
क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के मुताबिक दुष्कर्म पीड़ित युवती के बयान के आधार पर टीम ने दिल्ली के छतरपुर स्थित दाती महाराज के आश्रम व राजस्थान के पाली स्थित आश्रम में गत दिनों घंटों तलाशी ली थी, लेकिन ऐसा कोई ठोस सुबूत नहीं मिला, जिससे वहां दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हो सके। पुलिस अधिकारी गिरफ्तार न करने के पीछे दो साला मुकदमा दर्ज करने को भी वजह बता रहे हैं। उनका कहना है कि युवती ने दो साल बाद मुकदमा दर्ज कराया है। लिहाजा समय अधिक होने के कारण मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होना मुश्किल है। सबूत के तौर पर क्राइम ब्रांच के पास केवल युवती का कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया बयान है।

यह है मामला
गौरतलब है कि पीड़ित युवती राजस्थान में परिवार के साथ रहती है। उसके परिजनों ने करीब 10 साल पहले पढ़ाई के लिए उसे दाती महाराज के पाली स्थित बालाग्राम गुरुकुल आश्रम में भेजा था। जहाँ से उसे दिल्ली के पास छतरपुर आश्रम भेज दिया गया। युवती की शिकायत के अनुसार, करीब दो साल पहले दाती महाराज ने छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के आश्रम में उनके साथ पहली बार दुष्कर्म किया। बाद में उसके तीन भाइयों ने भी कई बार बलात्कार किया। के डर के चलते उसने दो साल तक किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में परिजनों की सलाह पर उसने 10 जून को फतेहपुरबेरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया।