यूपी के डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल में गोली मारकर हत्या

बागपत: उत्तर प्रदेश की बागपत जिला जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सोमवार सुबह 5:30 बजे जेल खुलने के बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने 29 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस में आशंका जताई थी कि उनके पति की जेल में हत्या की जा सकती है। लिहाजा आशंका सही साबित होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। गौर करने वाली बात ये है कि रविवार रात को ही मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से बागपत जेल ट्रांसफर किया गया था। सोमवार को बागपत में रेलवे से जुड़े एक मामले में सुनवाई थी। इसी सिलसिले में रविवार की रात 9 बजे ही मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था।

सुनील राठी गैंग का हाथ?

बताया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के पीछे वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में सक्रिय सुनील राठी गैंग का हाथ हो सकता है। एडीजी जेल चंद्र प्रकाश का भी कहना कि शुरुआती पड़ताल में सुनील राठी गैंग द्वारा गोली मारे जाने की बात सामने आ रही है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी। इस बीच मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने वाली हैं। गौरतलब है कि रंगदारी से जुड़े एक केस के सिलसिले में मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी।

कौन था मुन्ना बजरंगी

मुन्ना बजरंगी की गिनती पूर्वांचल के कुख्यात अपराधियों में होती है। कई बड़ी आपराधिक वारदातों में बजरंगी का नाम सामने आ चुका था। मुन्ना का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहते थे, मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे।

ऐसे हुई जुर्म की दुनिया में एंट्री

मुन्ना को हथियार रखने का बड़ा शौक था, वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था। यही वजह थी कि 17 साल की उम्र में ही जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा।

मुख्तार अंसारी के गैंग का हिस्सा था

पूर्वांचल में अपनी साख बढ़ाने के लिए मुन्ना बजरंगी 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और नेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया। अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक बन गया। इसके बाद इस गैंग की ताकत बहुत बढ़ गई। मुन्ना लगातार मुख्तार अंसारी के निर्देशन में काम कर रहा था।

फर्जी एनकाउंटर की आशंका थी

मुन्ना बजरंगी के परिजनों ने पहले ही आशंका जताई थी कि बागपत जेल में उनकी हत्या हो सकती है। सीमा सिंह ने अपने पति मुन्ना बजरंगी को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा फर्जी एनकाउंटर में मारे जाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों का नाम लिए बगैर सीमा सिंह ने कहा था कि साजिश रचकर कई बार उनके पति को जेल में ही जान से मारने का प्रयास किया जा चुका है। इस संबंध में सीमा सिंह ने पुलिस के कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में भी शिकायत की थी।