डॉ दाभोलकर हत्याकांड: शरद कलसकर 10 तक सीबीआई की कस्टडी में

पुणे। समाचार ऑनलाइन
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड के मामले में सीबीआई को शरद कलसकर की कस्टडी मिल गई है। बीते दिन मुंबई की विशेष अदालत ने नालासोपारा हथियार बरामदगी मामले में गिरफ्तार आरोपी कलसकर की कस्टडी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। मंगलवार को उसे पुणे के सेशन कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 10 सितंबर तक सीबीआई की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। सीबीआई के अनुसार कलसकर वह दूसरा शूटर है जो वारदातवाले दिन सचिन अंधुरे के साथ था। इन दोनों ने ही दाभोलकर पर गोलियां चलाईं थी, यह दावा किया जा रहा है। सचिन को इससे पहले ही महाराष्ट्र एटीएस और सीबीआई के संयुक्त ऑपरेशन में औरंगाबाद से गिरफ्तार किया था। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
महाराष्ट्र एटीएस ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 10 अगस्त की रात मुंबई से सटे नालासोपारा में छापेमारी कर नालासोपारा और पुणे से तीन संदिग्ध आरोपियों गिरफ्तार किया था। पकड़े गए आरोपी हिंदू संगठन के सदस्य बताए जा रहे हैं। इसमें नालासोपारा के रहने वाले 40 वर्षीय वैभव राउत के घर पर एटीएस की टीम ने विस्फोटक सामग्री जब्त करने के बाद राउत और 25 वर्षीय शरद कलसकर को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के बाद पुणे में 39 वर्षीय सुधन्वा गोंधलेकर को भी गिरफ्तार किया गया। एटीएस का दावा है कि ये संदिग्ध पुणे, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। एटीएस ने इनके पास से देसी बम सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है। इसमें 20 देसी बम, दो जिलेटिन छड़, 22 नॉन इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, विस्फोटक पाउडर, जहर की दो बोतल, बैटरी आदि सामान मिले थे।
एटीएस की पूछताछ में शरद कलसकर के दाभोलकर की हत्या में शामिल रहने की जानकारी सामने आयी। उसने जांच में स्वीकार किया है कि इस हत्या में वह और सचिन अंधूरे शामिल है। इसके अनुसार सचिन अंधूरे के गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में पहले गिरफ्तार किये गए वीरेंद्र तावड़े और लंकेश हत्या के मामले में कर्नाटक एसआईटी द्वारा गिरफ्तार अमोल काले दोनों दाभोलकर हत्या के मास्टरमाइंड हैं। कलसकर और अंधूरे ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है, यह दावा सीबीआई ने किया है। सचिन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इन कड़ियों को जोड़ने के लिए सीबीआई एटीएस की कस्टडी में रहे कलसकर और कर्नाटक एसआईटी की कस्टडी में रहे अमोल काले को अपनी कस्टडी में लेने की कोशिशों में थी। रविवार को अमोल को कस्टडी में लेने के बाद कल सीबीआई को शरद की कस्टडी मिल गई है। आज उसे 10 सितंबर तक सीबीआई की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। माना जा रहा है कि डॉ दाभोलकर हत्याकांड की गुत्थी जल्द सुलझ जाएगी।