मोबाइल पर बात करते समय ट्रक के अनियंत्रित होने से यह दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसके बाद कुंवर जीतेंद्रसिंह तोमर ने शिकायत दर्ज कराई थी। सजायाफ्ता ट्रक ड्राइवर का नाम महादेव नामदेव चौधर (उम्र 30 वर्ष, निवासी मोराला, तहसील आष्टी, जिला बीड़) है। इस मामले में सरकारी वकील प्रमोद बोंबटकर ने गवाह पेश किये।
इस एक्सीडेंट में मजदूरों बिसंबर मोताराम शर्मा (उम्र 35 वर्ष), मोनू जगदीश शर्मा (उम्र 15 वर्ष), मोनुर्दजी समुदयार्दजी शर्मा (उम्र 17 वर्ष), चंदगीराम ओमीर्दजी (उम्र 24 वर्ष), नवाब लक्ष्मीनारायसण कुसवाह (उम्र 32 वर्ष), महेश होत्तम बरेड़ा (उम्र 26 वर्ष, सभी निवासी जखोदा, तहसील जोरा, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश), बंटी बीरबल रजक (उम्र 22 वर्ष, निवासी आठार, तहसील जोरा), महावीर रामहरि शर्मा (उम्र 28 वर्ष, निवासी कोठारावली, तहसील सवालगढ़, जिला मुरैना) व अनूप सोनीराम कुसवाह (उम्र 18 वर्ष, निवासी जखोदा, जिला मुरैना) की मौत हुई थी।
ये सभी मजदूर ग्वालियर से ट्रेन के जरिए अहमदनगर पहुंचे थे और शिरूर के न्हावरा में एक कंपनी की पाइपलाइन बिछाने के कार्य हेतु ट्रक से आ रहे थे। महादेव ड्राइविंग के समय फोन पर बात कर रहा था, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई थी। हादसे के समय ट्रक से 28 लोग यात्रा कर रहे थे।