एल्गार परिषद : जरुरत पड़ी तो घरों में और छापे मारेंगे – डॉ. के. व्यंकटेशम

पुणे | समाचार ऑनलाइन

आरोपियों के सर्च ऑपरेशन के दरम्यान प्राप्त सबूतों का विश्लेषण शुरू है। साथ ही इस मामले में और सबूत जमा करने पर जोर दिया जा रहा है। जरुरत पड़ी तो फिर से घरों में छापेमारी की जाएगी। ऐसा पुणे शहर पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेशम ने कहा। इस मामले में क्या और लोगों की गिरफ्तारी होने की संभावना है? इस सवाल का आयुक्त ने किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया है।

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माओवादी गतिविधियों से संबंध होने के मामले में पांच मानवधिकार कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन यह गिरफ्तार राजनीति उद्देश्य से नहीं की गई हो, साथ ही इस मामले में विशेष जांच टीम की ओर से जांच की आवश्यकता नहीं है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है। इस पर व्यंकटेशम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय ने पुणे शहर पुलिस दल के जांच अधिकारियों को उनके काम का श्रेय मिला है। यह वाक्य बोलकर इस मामले में जांच कर रहे जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार, पुलिस उपायुक्त सुहास बावचे साथ ही तत्कालीन सह आयुक्त रवींद्र कदम का अभिनंदन किया है।

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उचित तरीके से जांच करने में महाराष्ट्र पुलिस का देश में नाम है। इस मामले में जांच करनेवाले अधिकारियों ने दिन रात मेहनत की है। पुलिस ने इस मामले में उचित जांच की है। सबूत जमा करने के बाद महीनेभर विभिन्न सबूतों का विश्लेषण करने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई करने के निष्कर्ष तक पुलिस पहुंची है। माओवादी गतिविधियों से संबंध रखनेवाले व्यक्तियों के घरों के सर्च ऑपरेशन में प्राप्त सबूत के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी पुणे शहर पुलिस आयुक्त के. व्यंकटेशम ने दी है।

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पुणे शहर पुलिस को इस मामले में जांच कर रही है। साथ ही पुख्ता सबूत जमा कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी। आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। माओवादी गतिविधी में सभी सक्रिय रुप से शामिल नजर आए हैं। जिसमें माओवादी नेताओं से संवाद, हथियारों के बारे में चर्चा, मानवसंसाधन साथ ही नए नेतृत्व को जंगल भेजना, पैसा जमा करने जैसी आदि बातों का समावेश है। चार हफ्तों के बाद हम कोर्ट में गिरफ्तारी के संबंध में मांग करेंगे। आगे की जांच के लिए कस्टडी मिलेगी, ऐसी हमें आशा है। ऐसा डॉ. व्यंकटेशम ने व्यक्त किया।