एडवाइजरी में कहा गया, “आतंकवादी धमकी के नवीनतम इंटेलीजेंस इनपुट, खास तौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने व कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों व पर्यटकों की सुरक्षा के हित में यह सुझाव दिया जाता है कि वे घाटी से जल्द से जल्द लौट जाएं।”
अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हुई और यह 15 अगस्त को समाप्त होनी है।
एडवाइजरी से पहले सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों, सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन व राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी कश्मीर की शांति में बाधा डालना चाहते हैं और खास तौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।
ढिल्लों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादी ठिकानों पर छापेमारी के दौरान पाकिस्तान आर्डनेंस की एक एंटी पर्सनल माइन व एक स्नाइपर राइफल बरामद की हैं।
हसन ने कहा कि आतंकवादी तीर्थयात्रा को बाधित करने के गंभीर प्रयास में जुटे हैं, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा सावधानीपूर्वक कार्य किए जाने के कारण सफल नहीं हुए हैं।
सीआरपीएफ यात्रा मार्ग की सुरक्षा के लिए खास तौर से तैनात है।
इंटेलीजेंस इनपुट के मद्देनजर कश्मीर में पहले ही 10,000 से ज्यादा अर्धसैनिक बल पहुंच चुके हैं। इंटेलीजेंस इनपुट में यात्रा को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाने की बात कही गई है।