अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए याद आयी इमरजेंसी: शरद पवार 

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन
 
स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लागू की थी, उसे 44 साल बीत चुके। उन 44 सालों में अटलबिहारी वाजपेयी की भी सरकार थी। तब इमरजेंसी की याद नहीं आयी, अब अपने चार साल के कार्यकाल की नाकामियों को छिपाने के इमरजेंसी को याद किया औऱ कराया जा रहा है। इन शब्दों में राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाइकमान शरद पवार ने मंगलवार को पुणे में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत के दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
 
पुणे में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये पवार ने इमरजेंसी पर मचे सियासी घमासान पर उपरोक्त प्रतिक्रिया देते हुए विभिन्न घटनाक्रमों पर भी प्रकाश डाला और अपनी राय साझा की। डीएसके घोटाले के मामले में पुणे पुलिस ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी समेत अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी को पुलिस का आततायी पन साफ नजर आता है। बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को है, उनकी अनुमति के बिना पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकती। पुणे पुलिस ने मात्र इस मामले में काफी जागरूक नजर आती है। पुलिस ने इस मामले में कानून का गलत इस्तेमाल कर गलत तरीके से कार्रवाई की। कोल्हापुर में राजर्षि शाह महाराज के स्मारक का मसला 10 सालों में भी हल न हो सका। इस बारे में पूछने पर पवार भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा कि शाहू महाराज, महात्मा फुले के विचारों वाले लोग होंगे तो इस काम को निश्चित रूप से गति मिलती।