फर्जी डिग्री घोटाले के आरोपी को नहीं मिली जमानत

पुणे | समाचार ऑनलाइन

पुणे की सत्र अदालत ने फर्जी डिग्री घोटाले के संबंध में पुरंदर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। सासवड़ पुलिस ने महाराष्ट्र शिक्षा संस्थान अधिनियम के प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी के आरोप में अध्यक्ष दादासाहेब जगताप को गिरफ्तार किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता विकास कुचेकर के प्रयासों के चलते यह घोटाला सामने का सका। विकास के मुताबिक, विश्वविद्यालय महज तीन कमरों में चलाया जाता था। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय चलाने के लिए राज्य उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभाग या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।

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नवंबर 2017 में राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग से इस संबंध में शिकायत की गई थी, लेकिन उसे जांच में तीन महीने लग गए। उसके बाद 21 फरवरी 2018 को आई एक रिपोर्ट में पता चला कि विश्वविद्यालय संचालन से पहले आवश्यक अनुमति नहीं ली गई थी। मामला सामने आने के तकरीबन 8 महीने बाद 20 जुलाई को सहायक निदेशक डॉ केपी नारखेड़े ने सासवड़ पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में दादासाहेब जगताप को हिरासत में लिया। जगताप ने इस तर्क के साथ अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी कि किसी छात्र ने उनके खिलाफ शिकायत नहीं की है, लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया।

जगताप की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने वाले अतिरिक्त सरकारी अभियोजक प्रमोद बमबतकर ने बताया कि जगताप को 5 लाख रुपए बतौर जुर्माना भरने के लिए कहा गया था, लेकिन वो इसमें असमर्थ रहा। उन्होंने कहा कि जगताप पर सौ से अधिक छात्रों के साथ धोखाधड़ी का आरोप है। सभी पीड़ित छात्र बारामती,जेजूरी और सासवड़ के गरीब परिवारों से हैं, इसलिए पूछताछ करना बेहद ज़रूरी है।