’96 कुली’ शब्द पर सत्तापक्ष और विपक्ष में ठनी

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन
आवारा कुत्तों, सुअरों और मवेशियों के बढ़ते उपद्रव की ओर ध्यानाकर्षित करने के लिए कुत्ते के पिल्ले सभागृह में लाने की कोशिश से बुधवार को सर्व साधारण सभा में हंगामा मचा। इस हंगामे के लिए पिंपरी चिंचवड़ मनपा में विपक्ष के नेता दत्ता साने द्वारा किया गया ’96 कुली’ शब्द प्रयोग बड़ी वजह साबित हुआ।
हांलाकि हंगामे के चलते साने अपनी बात पूरी न कर सके, मगर सत्तादल के खासकर पिछड़े वर्ग के नगरसेवकों ने कड़ी आपत्ति जताई। पिछड़े वर्ग की एक नगरसेविका के लिए ऐसे जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने को लेकर विपक्षी नेता की कड़े शब्दों में निंदा की गई। वहीं साने ने कोई जातिसूचक शब्द के प्रयोग की बात को सिरे ने नाकारी।[amazon_link asins=’B078124279′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’c3ee33ca-bc0b-11e8-b07a-a99beb456b77′]

आवारा पशुओं के उपद्रव से शहरवासियों के त्रस्त रहने की ओर प्रशासन को नींद से जगाने के उद्देश्य से विपक्ष के नेता ने एक बैग में कुत्ते के पिल्ले भरकर लाए थे। इस तरह से बेजुबान जानवरों को बैग में बंद कर लाने को लेकर उनके खिलाफ पेटा के तहत मामला दर्ज करने की मांग भाजपा की सीमा सावले और अन्य सदस्यों ने की। इस अपना पक्ष रखते हुए साने ने खुद को ’96 कुली’ किसान बताकर पशुओं के पालन-पोषण और जतन के बारे में उन्हें न सिखाने की टिप्पणी की।

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हांलाकि उनके केवल ’96 कुली’ के शब्द प्रयोग भर से सत्तादल के सदस्य आक्रामक हो गए और उन्हें उनकी बात पूरी करने का मौका दिए बिना ही हंगामे के बीच सभा 27 सितंबर तक स्थगित कर दी गई। सभा के बाद दोनों पक्षों ने संवाददाता सम्मेलन के जरिये अपनी- अपनी बात रखने की कोशिश की।

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सभागृह नेता एकनाथ पवार के कार्यालय में पवार, सीमा सावले, आशा शेंडगे, विकास डोलस, बाबा त्रिभुवन, उषा मुंढे, लक्ष्मण उंडे, सागर आँगहोल्कर, सुजाता पलांडे आदि सदस्यों ने विपक्ष के नेता दत्ता साने की कड़े शब्दों में निंदा की। पिछड़े वर्ग की एक नगरसेविका के लिए जातिसूचक शब्द प्रयोग को लेकर उन्होंने साने का निषेध किया। पब्लिसिटी स्टंट के लिए किसी भी हद तक जाना उचित नहीं, यह भी उन्होंने कहा। वहीं विपक्षी नेता साने ने कोई जातिसूचक शब्द प्रयोग से इनकार करते हुए कहा, मेरा कहना था कि, मैं  ’96 कुली’ किसान हूं और हम किसानों को अपने जानवरों को पालने और उनके जतन की समझ है।

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’96 कुली’ किसान कोई जातिसूचक शब्द नहीं है। जिन पिल्लों को मनपा में लाया था उन्हें हवादार बैग में रखा गया था और भरपेट भोजन व दूध देकर यहाँ लाया था। उन्हें किसी तरह का खतरा न हो इसका पूरा ध्यान रखा गया था। उन्होंने सावले पर आरोप लगाते हुए कहा कि जाति की सियासत कौन करता है यह उनके और शिवसेना के पूर्व नगरसेवक जितेंद्र ननवरे के बीच हुए संवाद की फ़ोन रिकार्डिंग पूरे शहर ने सुनी है।

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