पंढरपूर का विठ्ठल मंदिर किसकी ज़िम्मेदारी ?

पंढरपूर | समाचार ऑनलाइन 

हज़ारो साल अस्तित्व में रहे  पंढरपूर  के  विठ्ठल मंदिर  हमारे अंतर्गत में  नहीं  आता ,इस  तरह  का  लिखित स्वरुप पत्र पुरातत्व (archaeology) विभाग को  देने  के  बाद  नए  सवाल  निर्माण  हुए हैं।  महाराष्ट्र के  आदि देवता  और  दक्षिण काशी  के नाम से  सुप्रसिद्ध   मंदिर  का  पुरातत्व कौन   संभालेगा ?  इस तरह की चर्चा  विठ्ठल  भक्तो  में  हो रही हैं।

’96 कुली’ शब्द पर सत्तापक्ष और विपक्ष में ठनी

[amazon_link asins=’B078124279′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’3c5c7924-bc0d-11e8-bb9c-07f0e4b71312′]

विठ्ठल मंदिर एक हजार साल पुराना हैं, और हजारो साल पुराने मंदिर के नक्शीदार और शिल्पदार की  जिम्मेदारी संभालने की  भूमिका पुरातत्व  विभाग की थी  इसलिए  मंदिर स्वरुप की दुरस्ती करने की सूचना पुरातत्व खाते ने  मंदिर समिती को पांच साल पहले दी थी। समिती ने इस सूचना पर आपत्ति जताई है, मंदिर पुरातत्व विभाग में  नहीं होने का भी आरोप समिति  लगाया है और विठ्ठल मूर्ती के दुरुस्ती से  लेकर मंदिर की  सभी  दुरुस्ती पुरातत्व विभाग के  सलाह से ही हुआ है।
[amazon_link asins=’B01HQ4O12A,B07H1H3YL8,B07F84MG5S’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’4933850d-bc0d-11e8-9ccc-291b13b5ddb4′]
पुरातत्व विभाग ने एक पत्र देकर पंढरपूर के विठ्ठल मंदिर हमारे अंतर्गत में नहीं है।  पुरातत्व विभाग के हाथ ऊपर लेने से  दक्षिण काशी   के  नाम से  प्रसिद्ध  मंदिर का ज़िम्मेदारी कौन संभालेगा , ऐसा सवाल निर्माण हो रहा है।   पुरातत्व विभाग के  इस  निर्णय के कारण  वारकरी सांप्रदाय  क्या  भुमिका  निभाएगी  ये देखना दिलचस्प होगा।