घर की सफाई से अधिक शहर की सफाई पर ध्यान दें : सौरभ राव

पुणे : समाचार ऑनलाईन – पुणे शहर को रहने योग्य बनाना हम सबका कर्तव्य व जिम्मेदारी है। शहर को स्वच्छ, सुंदर, पर्यावरणीय व रहने योग्य बनाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी, सेवकों हम सभी की जिम्मेदारी है। घर को स्वच्छ रखने, साफ-सफाई को लेकर हम जितना ध्यान रखते हैं उससे अधिक ध्यान अपने शहर का रखना चाहिए। शहर में दिखाई पड़ने वाली गंदगी, कचरा, शहर को विद्रूव करने वाली चीजों के अलावा अन्य शहरी समस्याएं दिखाई पड़ने पर हम सभी को उसका संज्ञान लेकर, संबंधित विभाग से संवाद कर सूचित कर समस्या का निराकरण करना कर्तव्य व जिम्मेदारी है। ये विचार पुणे मनपा आयुक्त सौरभ राव ने व्यक्त किए हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020  के तहत बैठक 
पुणे मनपा के ठोस कचरा मैनेजमेंट विभाग की तरफ से स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत पुणे मनपा के भवानी पेठ स्थित सावित्रीबाई फुले स्मारक में आयोजित मेगा बैठक में वे बोल रहे थे। इस बैठक में 15 क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी, इंजीनियर, विभागीय हेल्थ इंस्पेक्टर, हेल्थ इंस्पेक्टर व संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, वाहन विभाग, समाज विकास विभाग व अन्य अधिकारी, कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

सभी क्षेत्रीय कार्यालय अच्छा काम कर रहे
उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत जिन मापदंडों के तहत विभिन्न कार्यालयों की तरफ से काम किया जा रहा है। उसका अनुसरण गुणात्मक उद्देश्यों की पुर्ति के लिए हो। सभी क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से अच्छा काम हो रहा है, लेकिन इस काम को और बढ़ाने की आवश्यकता है।

लोगों के बीच जाकर स्वच्छता को लेकर संवाद करें
उन्होंने इस मौके पर अधिकारियों व कर्मचारियों से लोगों के बीच जाकर संवाद करके उनसे कुछ सवाल पूछने के लिए कहा है। उदाहरण के रूप में आपके घर का कचरा आपके घर में हर दिन जमा किया जाता है क्या? कचरा उठाने वालों की तरफ से कचरे को अलग करके देने के लिए आपको बताया गया है या नहीं? आप अपने आसपास के परिसर में स्वच्छता की स्थिति से संतुष्ट है? शहर में आयोजित विभिन्न समारोह, कार्यक्रमों में प्लास्टिक बैंग्स, 200 मिली के पानी के बोतल, यूज एंड थ्रो के पानी की बोतल या जूस का ग्लास इस्तेमाल होता दिखता है क्या? जैसे सवाल और कई सवाल पूछने के लिए कहा है। इस मौके पर ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के सह मनपा आयुक्त ज्ञानेश्वर मोलक, अतिक्रमण विभाग के उपायुक्त माधव जगताप, माधव देशपांडे, विजय दहिभाते, नितिन उदास, सुनील इंदलकर आदि का भी मार्गदर्शन भाषण हुआ।