मंदिर के लिए अध्यादेश नहीं, कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे

ग्वालियर : समाचार ऑनलाइन – अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए हिंदूवादी संगठनों द्वारा लगातार मोदी सरकार पर दबाव डाला जा रहा है। हाल ही में विश्व हिंदू परिषद् ने अयोध्या में धर्मसभा आयोजित की थी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इन दोनों ही आयोजनों का मकसद सरकार पर दबाव निर्मित करना है। हालांकि, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साफ़ कर दिया है कि सरकार इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाएगी।

चुनाव प्रचार पर निकले शाह ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसकी सुनवाई तक हमें इंतजार करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में ही आएगा। शाह ने कांग्रेस पर हमला बोल्ये हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में 9 सालों से लंबित है इसके बावजूद कांग्रेस ने इसकी सुनवाई 2019 के चुनावों तक टालने की मांग की है।

परी अध्यक्ष का यह बयान शायद इसी ओर इशारा कर रहा है कि सरकार ने अब तक अध्यादेश की मदद से अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर निर्माण का फैसला नहीं किया है। अमित शाह ने दावा किया है कि भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, तीनों राज्यों में फिर सत्ता में आएगी। शाह ने भाजपा सरकारों के खिलाफ पैदा हो रहे असंतोष के दावों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि इन राज्यों के चुनाव परिणाम पीएम मोदी की छवि को मजबूत करेंगे और 2019 का चुनाव भी हम जीतेंगे।