महाराष्ट्र में पहली बार सामूहिक बलात्कार मामले में महिला को किया सह आरोपी

पुणे : समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार सामूहिक बलात्कार के मामले में महिला को सह आरोपी किया गया है। स्कूल की छुट्टी लगने के बाद रिश्तेदारों के पास रहने के लिए गई नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में एक महिला सहित चार लोगों को पुणे के शिवाजीनगर जिला सत्र कोर्ट के न्यायाधीश एस के क-हाले ने 20 साल की कड़ी सजा सुनायी है। किसी महिला को सामूहिक बलात्कार के मामले में सह आरोपी कर महिला को सजा सुनाने का महाराष्ट्र की पहली घटना है। यह घटना अप्रैल 2016 में पुणे के मुंढवा परिसर में पिंगले बस्ती में घटी थी।
वर्षा धनराज गायकवाड (32), मनोज सूरज जाधव (21), प्रशांत गुरुनाथ गायकवाड (28) और अजय दीपक जाधव को सजा सुनायी गई है। इस केस का  कार्य सरकारी वकील राजेश कावेडिया ने देखा है। इस मामले में 12 साल की पीड़ित लड़की ने शिकायत दर्ज करवायी थी। पीड़ित लड़की की स्कूल की छुट्टी लगने के बाद रिश्तेदार के पास रहने के लिए गई थी। आरोपी वर्षा गायकवाड यह पीड़ित लड़की आरोपी प्रशांत गायकवाड के रक्षकनगर स्थित फ्लैट पर लेकर गई थी। मनोज से बात करने की बात कहकर उसके साथ शादी करने की सलाह दी। इस दौरान आरोपी वर्षा ने 14 मई 2016 को पीडिता को पिंगले बस्ती स्थित फ्लैट पर लेकर गई, वहां प्रशांत और अजय ने उसका हाथ पकड़ा, मनोज ने लड़की के साथ बलात्कार किया।
इस केस में अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश कावेडिया ने साथ गवाह पेश किए थे। आरोपी वर्षा गायकवाड ने आरोपी को बलात्कार मामले में साथ दिया था। इस घटना के चलते पीड़िता को काफी मानसिक आघात पहुंचा था। इसलिए चारों आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग कावेडिया ने की थी। उसके बाद न्यायाधीश ने मेडिकल रिपोर्ट और लड़की की गवाह को महत्वपूर्ण मानते हुए बाल यौन शोषण के विभिन्न धारा के आधार पर आरोपी को सजा सुनायी।