पूर्व उपमहापौर दीपक मानकर अस्पताल में दाखिल 

पुणे। समाचार ऑनलाइन
एक पुलिसकर्मी के भाई की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार रहने के मामले में गिरफतारी के बाद पुलिस कस्टडी के दौरान छाती में दर्द की शिकायत के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक और पुणे के पूर्व उपमहापौर दीपक मानकर को बीती मध्यरात्रि ससून अस्पताल में भरती कराया गया। मानकर और बिल्डर समेत 9 लोगों के खिलाफ पुणे पुलिस ने मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध प्रतिबंध कानून) के तहत कार्रवाई की है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मानकर जिला न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक गिरफ्तारी पूर्व जमानत पाने के लिए भटकते रहे। सभी जगह से नाकाम साबित होने के बाद बुधवार को उन्होंने पुलिस को सरेंडर कर दिया। अदालत ने उन्हें सोमवार तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
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पुणे शहर पुलिस में ‘गनमैन’ के तौर पर परिचित शैलेश जगताप के भाई जितेंद्र जगताप ने चंद दिनों पहले हड़पसर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की थी। सुसाइड नोट में उन्होंने राष्ट्रवादी के नगरसेवक दीपक मानकर औऱ अन्य लोगों के नाम लिखकर अपनी मौत के उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। समर्थ पुलिस थाने के सामने की एक जमीन के व्यवहार में उनका विवाद चल रहा था। पुणे लोहमार्ग पुलिस ने मानकर व अन्य लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज इसकी जांच को समर्थ पुलिस को सौंप दिया गया। जिला न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक गिरफ्तारी पूर्व जमानत पाने के लिए भटकते रहे मानकर ने बुधवार को लष्कर विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त के समक्ष सरेंडर कर दिया।
अदालत में पेश करने के बाद उन्हें सोमवार तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। बीती देर रात छाती में दर्द की शिकायत के चलते उन्हें पुणे के ससून अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुणे पुलिस ने मानकर समेत 9 लोगों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की है। पुलिस का कहना है कि मानकर का अपना एक गिरोह है, जो दहशत और गुंडागर्दी के दम पर जमीन हथियाने, अवैध रूप से कब्जा जमाने समेत कई गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम देता आया है। मानकर और उनके गिरोह पृष्ठभूमि और आपराधिक गतिविधियों के मद्देनजर उनके खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की गई।