पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार फरासखाना पुलिस स्टेशन के डीबी की टीम पेट्रोलिंग करते समय पुलिस कर्मचारी विकास बो-हाडे व शंकर कुंभार को जानकारी मिली थी कि एक युवक केंजले चौक में चोरी किए महंगे कैमरे लेकर आने की जानकारी मिली थी। इस खबर के आधार पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किशोर नावंदे, पुलिस निरीक्षक (क्राइम) संभाजी शिर्के के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक महेंद्र पाटिल, कर्मचारी बापूसाहब खुटवड, केदार आढाव, शंकर कुंभार, सयाजी चव्हाण व बाकी कर्मचारियों ने जाल बिछाकर कैमरा सहित हिरासत में लिया।
आरोपी एक फोटोग्राफर है, उसने पुणे के प्रसिद्ध एमआईटी कॉलेज से फोटोग्राफी पर डिप्लोमा किया है। चार महीने पहले ही एक लड़की के साथ उसकी पहचान हुई थी और दोस्ती प्यार में रुपांतर हुई थी। उसके बाद उसकी हर इच्छा पूरी करने के लिए उसके पास पैसे कम पड़ने लगे थे। शादी का बड़ा ऑर्डर मिलने का बताकर शहर के अलग अलग फोटोग्राफर द्वारा महंगा कैमरा किराए पर लेने का बहाना करता था। दिन का 1500 से 1700 रुपए किराए देने का लालच देता था। उसके बाद कैमरा गिरवी रखकर पैसे लेता था। इन पैसों से लड़की को स्कूटी और सोने के गहने के साथ शहर के महंगे-महंगे फाइव स्टार होटल में खाना खिलाने ले जाता था।