गणेश मंडलों ने किया विसर्जन रैली का बहिष्कार

पुणे। समाचार ऑनलाइन

गणेशोत्सव में डीजे को परमिशन देने से उच्च न्यायालय द्वारा इनकार किये जाने के बाद गणेश मंडलों में आक्रोश व्याप्त है। अब इस मामले में राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार अपने नगरसेवकों को बचाने के लिए आगे आयी उसी तरह से डीजे के मामले में भी अपने अधिकार में फैसला करे। यह मांग करते हुए पुणे के गणेश मंडलों ने विसर्जन रैली का बहिष्कार करने की घोषणा की है। यही नहीं गणेश मूर्ति का विसर्जन भी नहीं करने का ऐलान किया है।

[amazon_link asins=’B01DDP7D6W,B01FM7GGFI,B0756RCTK2′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’274dfe87-be64-11e8-ab41-55d7e9b93562′]

ध्वनि प्रदूषण संबंधी कानून का कड़ाई से पालन हो इसके लिए उत्सवों में खुले में डीजे के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। गणेशोत्सव में इसकी छूट देने की मांग करते हुए राज्य के डीजे व साउंड सिस्टम व्यवसायियों के असोसिएशन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। राज्य सरकार की दलीलें मान्य करते हुए न्यायालय ने डीजे और साउंड सिस्टम पर पाबंदी का फैसला कायम रखा। हांलाकि नवरात्रि उत्सव को लेकर कोई आदेश नहीं दिया है। इससे इस साल की गणेश विसर्जन रैली बिना डीजे की गूंज के ही चलेगी, यह साफ हो गया है। पुणे पुलिस ने गणेश मंडलों को न्यायालय के आदेश का पालन करने को लेकर न केवल चेतावनी दी है बल्कि तुरंत कार्रवाई को शुरुआत भी कर दी है। शुक्रवार को ही 10 मंडलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

खड़की के सीएसडी कैंटीन से प्रेशर कूकर चुरानेवाले गिरफ्तार

[amazon_link asins=’B01FM7GG58,B0756RCTK1,B07FH4PDHJ’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’3936f482-be64-11e8-a1d5-e15f8b1c78c9′]

इस फैसले पर शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया देखने मिली। पुणे के कुछ गणेश मंडलों ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए गणेशभक्तों के लिए अन्यायकारी फैसला बताया। राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में दायर किये हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मंडलों के पदाधिकारियों ने कहा, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नौ हजार जनप्रतिनिधियों की सदस्यता बचाने के लिए राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में फैसला किया। उसी तरह से गणेशोत्सव के मामले भी पहल की जानी चाहिए।

पुणे में नीता ट्रैवल बस में लाया गया 4 हजार 852 किलो का मिलावटी खोआ

उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट में जाने तक समय नहीं दिया है। ऐसे में राज्य की फडणवीस सरकार को चाहिए कि न्यायालय के आदेश पर अपने अधिकार में डीजे और स्पीकर की अनुमति दी जाय। अगर विसर्जन रैली में स्पीकर की अनुमति नहीं दी जाती है तो मंडलों द्वारा विसर्जन रैली का बहिष्कार किया जाएगा। गणेश मूर्तियों का विसर्जन भी नहीं किया जाएगा। उसकी बजाय सरकार का विसर्जन किया जाएगा, यह चेतावनी भी दी है।