मुंबई, 12 नवंबर : बिहार में फिर से नीतीश कुमार आ रहे है। लेकिन लोगों की ऐसी इच्छा है क्या ? बिहार में भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल को अलग अलग जीत मिली है। इसमें नीतीश कुमार की पार्टी कही नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में जनता ने जिसे नकार दिया उसे मुख्यमंत्री पद पर लादना लोकतंत्र का अपमान है। इस स्थिति में तीसरे नंबर पर आये नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया तो राजनीति क्षेत्र के लिए शोक की बात होगी। हारने वाले पहलवान को विजय पदक देने जैसा होगा। जनता दल यूनाइटेड को लोगों ने धूल चटाई है। ऐसे शब्दों में सामना में शिवसेना ने नीतीश कुमार को फटकार लगाई है।
राजद ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। राजद ने 119 विजय उम्मीदवारों की सूची जारी की है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग नीतीश कुमार के निर्देशों का पालन कर रही है। ओवेसी दवारा उम्मीदवार खड़ा किये जाने से गठबंधन के 15 उम्मीदवार हार गए। चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवार की वजह से नीतीश कुमार ने 20 उम्मीदवारों के चुनाव हारने की बात स्वीकार की है। इतने के बाद भी नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान को नहीं समझाया।