बुलेट ट्रेन की विरोध में ,अब गोदरेज मैदान में

मुंबई /पुणे समाचार ऑनलाईन
सरकार की बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना से करीब 7,000 किसानों, 15,000 परिवारों और 60,000 लोगों के विस्थापित होने की संभावना है। इनमें से कई इस परियोजना के विरोध में उतर आए हैं। विरोध के इन सुरों में अब गोदरेज समूह भी शामिल हो गया है। कंपनी ने मुंबई के विक्रोली इलाके में उसकी 5 अरब रुपये की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।

गोदरेज समूह ने परियोजना का मार्ग बदलने की बात कही है ताकि उसकी कंपनी गोदरेज कंस्ट्रक्शन की लगभग 8.6 एकड़ जमीन उससे बाहर आ सके। गौरतलब है कि किसान और आदिवासी पहले ही इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। गुजरात के किसानों ने भी भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है। अब गोदरेज समूह ने मुंबई के विक्रोली इलाके में पांच अरब रुपये की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण ?
यदि गोदरेज समूह का यह विरोध जारी रहा तो इस परियोजना से जुड़ी कंपनियों को बुलेट ट्रेन का रास्ता बदलना पड़ सकता है। साथ ही रास्ता न बदलने की स्थिति में महाराष्ट्र भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के आधार पर जबरदस्ती भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा।

महाराष्ट्र में केवल चार स्टेशन –
देश की पहली बुलेट ट्रेन करीब 350 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी और अहमदाबाद से मुंबई की दूरी को तीन घण्टे में तय करेगी। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रहे 508.17 किलोमीटर लंबे रेल ट्रेक का 21 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। अपने सफर के दौरान ट्रेन 12 स्टेशन पर रुकेगी जिसमें से केवल चार महाराष्ट्र में हैं।