मूर्ति बनवाने के बजाए सूखे से मर रहे लोगों को मदद करना अधिक जरुरी : शरद पवार

पुणे : समाचार ऑनलाइन – संविधान की वजह से देश एकजुट है। राज्य में किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। लोगों की समस्याओं का समाधान करने के बजाए कुछ लोग मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। मूर्ति बनवाने के बजाए सूखे से मर रहे लोगों की मदद करना अधिक महत्वपूर्ण है। यह तीखी टिप्पणी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने की है।

पवार पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के जरिए धनकवड़ी में लोकनेता शरदचंद्र पवार बहुउद्देशीय भवन परिसर में संविधान स्तंभ का लोकार्पण कार्यक्रम और संविधान सम्मान अभियान का शुभारंभ किया गया। इसी मौके पर वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भारत के आस-पास के देश और 50 वर्षों के इतिहास को देखें तो कई देशों में फौज का शासन है। वहां के शासन को पलट दिया गया। लोकतांत्रिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न कर दी गई।नेपाल, श्रीलंका व पाकिस्तान में हमने यह सब देखा। इन देशों की तुलना में भारत का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। कई जाति, धर्म, भाषा, राज्य के लोगों के होने के बावजूद यह देश एक विचार पर मजबूती से टिका है। इस देश की राज्य प्रणाली यहां के लोगों को एकजुट रखने के लिए उपयुक्त साबित हुई। इसके पीछे भारत रत्न डॉ।बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान व मादर्शक सिद्धांत हैं। इस वजह से हमारी व्यवस्था प्रणाली दूसरों की तुलना में अलग और अच्छी है।देश में आजकल कुछ लोगों ने संविधान बदलने की बात शुरू कर दी है।कर्नाटक में एक मंत्री ने इसी तरह की भावना व्यक्त की।जनता के मूलभूत अधिकारों पर अंकुश लगाकर मुट्ठी भर हाथों में सत्ता देने की कुछ लोगों की इच्छा है।लेकिन यह देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।इस देश में आम लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार संविधान ने दिया है।संविधान पर अगर कोई हमला करने का प्रयास करता है तो यह देश इसका जवाब देगा।राज्य में सूखे की वजह से किसान परेशान है।जानवरों को चारा, पानी नहीं मिल रहा है।लोगों के हाथ में काम नहीं है।मूल मुद्दों को दरकिनार करने के लिए और नागरिकों का ध्यान दूसरी तरफ दिलाने के लिए राम मंदिर का मुद्दा सामने लाया जा रहा है।

इस दौरान कार्यक्रम में सांसद सुप्रिया सुले, एड्।वंदना चव्हाण, वरिष्ठ समाजवादी नेता बाबा आढाव, सुभाष वारे, पूर्व विधायक जयदेव गायकवाड़, बापूसाहेब धनकवड़े, पूर्व महापौर दत्तात्रय धनकवड़े, नगरसेवक विशाल तांबे, किशोर धनकवड़े, युवराज बेलदरे, अश्विनी भागवत, स्मिता कोंढरे, अमृता बाबर, प्रशांत जगताप, वैशाली बनकर, बापूराव पठारे, अप्पा रेणुसे, एड्।भगवानराव सालुंखे, काका चव्हाण, रूपाली चाकणकर के अलावा पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इस मौके पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि भारत रत्न डॉ।बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान के जरिए जनता को एक विचार दिया।उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का छोटा-सा प्रयास हम इस संविधान स्तंभ के जरिए कर रहे हैं।अजीत पवार, शरद पवार और मैं तीनों ही भगवान की नहीं, संविधान की शपथ लेते हैं।पुणे संस्कृति और विद्या का मायका है।इस शहर को हम एक छोटा-सा उपहार दे रहे हैं।भविष्य में बहुत सी जगहों पर संविधान स्तंभ बनाना है।हमारे द्वारा शुरू किए गए अभियान को देखते हुए तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, झारखंड और अन्य कई राज्यों के सांसदों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में संविधान स्तंभ बनाने का निर्णय लिया है।सत्ता में बैठने वाले इसमें आगे आ रहे हैं।मुझे इस बात का गर्व है कि संविधान को लेकर ऐसी पहल करने वाली एनसीपी पहली पार्टी है।इस आंदोलन में योगदान के रूप में बारामती लोकसभा क्षेत्र के पहले चरण में 9 संविधान स्तम्भ बनाए जा रहे हैं।इस मौके पर संविधान के प्रचार और प्रसार के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर सुभाष वारे, डॉ।अशोक शीलवंत और डॉ।प्रशांत पगारे को सम्मानित किया गया।

पंप पर पेट्रोल के दाम याद आते हैं या राम मंदिर : डॉ.बाबा आढाव
इस मौके पर वरिष्ठ कामगार नेता डॉ।बाबा आढाव ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में भारतीय संविधान को शामिल करना जरूरी है।आज राजनेताओं द्वारा संविधान बदलने की बात की जा रही है।नागरिकों का ध्यान दूसरी तरफ भटकाने का प्रयास किया जा रहा। लेकिन पेट्रोल पंप पर जाने के बाद पेट्रोल का दाम याद आता है कि राम मंदिर, इस पर कोई नहीं बोल रहा है।