राममंदिर विवाद का कुछ ऐसा रहा है इतिहास

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – चुनावी मौसम में राममंदिर एक बार फिर सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आ गया है। भाजपा, शिवसेना सहित तमाम पार्टियाँ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए रामलला की शरण में आ गई हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज और कल दो दिवसीय अयोध्या दौरे पर हैं। ठाकरे आज अपने परिवार के साथ मुंबई से विशेष विमान से सुबह 11 बजे आयोध्या रवाना हुए। इतिहास में पहली बार ठाकरे परिवार राममंदिर के मुद्दे पर अयोध्या पहुंचा है।

– 1528 में अयोध्या में राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनाई गई।

– 1853 में रामजन्म भूमि की जगह को लेकर हिन्दू-मुस्लिम में पहली बार विवाद हुआ।

– 1859 में अंग्रेजों ने हिंदू और मुस्लिम को स्वतंत्र जगह प्रदान की।

– 1885 में राममंदिर मुद्दा पहली बार न्यायालय पंहुचा। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद न्यायालय में राम मंदिर निर्माण के     लिए अनुमति संबंधी याचिका दाखिल की।

– 23 दिसंबर 1949 को राम जन्मभूमि पर राम की मूर्ती रखी गयी, जिसके बाद से हिन्दुओं द्वारा पूजा अर्चना की जा रही     है।

– 1984 में विश्व हिंदू परिषद् ने रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने का अभियान शुरू किया।

– 1 फ़रवरी 1986 को फैजाबाद जिला न्यायालय ने विवादित जगह पर हिन्दुओं को पूजा करने का आदेश दिया, तभी        ताले तोड़े गए।

– 1986 में मुस्लिम समाज ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी का स्थापना की।

– जून 1989 में भाजपा ने विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) को अधिकृत समर्थन दिया।

– 9 नवंबर 1989 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद के पास शिलान्यास की अनुमति दी।

– 1990 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा निकाली, इसी दौरान हिंसा     भड़क उठी।

– 6 दिसंबर 1993 को कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद गिरा दी।

– 1993 के बाद से यह मुद्दा न्यायालय में चल रहा है। अभी इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।