हिस्ट्रीशीटर ने दी थी चुनौती- मुझे तो भगवान भी नहीं पकड़ सकते’ , पुलिस घसीटकर थाने लाई  

मुंबई. ऑनलाइन टीम : मुंबई में एक शातिर हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था। जब भी पुलिस उसे पकड़ने के लिए जाती तो खाली हाथ ही वापस लौटती थी। पुलिस को समझ में नहीं आ रहा था कि उसे कैसे सलाखों के पीछे किया जाए। दूसरी तरफ वह मुंबई पुलिस को खुलेआम चुनौती दते हुए कहता था-पुलिस क्या पकड़ेगी, मुझे तो भगवान भी नहीं पकड़ सकते।  लेकिन पुलिस ने आखिरकार एक दिन उसे पकड़ ही लिया। तब बदमाश ने कहा कि भगवान तो मुझे नहीं पकड़ पाते, लेकिन मैं पुलिसवालों को भूल गया था।

हम बात कर रहे हैं मुंबई के पोवई इलाके में रहने वाला पप्पू हरिश्चंद्र उर्फ खोपड़ी हिस्ट्रीशीटर की। पोवई, साकी नाका, एमआईडीसी और आरे समेत कई पुलिस थाना क्षेत्रों में उसकी तूती बोलती थी। इन सभी इलाकों के दर्जनों केस उसके खिलाफ दर्ज हैं। पुलिस की रिकार्ड के अनुसार वह साल 2013 से लापता चल रहा था। मतलब 7 साल से वह सब कुछ कर रहा था, पुलिस जानती भी थी, लेकिन पकड़ती नहीं थी। यहां कहें खास मेहरबानी बरसती रही। इसके पीछे राजनीतिक वरदहस्त होने की भी चर्चा है।

लेकिन उसके बयानबीर बनने से पुलिस खुद को बौनी समझने लगी थी, इसलिए एक दिन फैसला किया। आरे थाना पुलिस को मुखबिर से खोपड़ी के आने की सूचना मिली। मुखबिर ने बताया था कि खोपड़ी रॉयल पाम इलाके में डकैती डालने की योजना बना रहा था। ऐसे में उसे पकड़ने के लिए पुलिसवालों को सादी वर्दी में तैनात किया गया।

जब उसे पकड़ा गया तो उसके कब्जे से देसी तमंचा और दो कारतूस बरामद हुए। उसी घसीटते हुए थाने लाया गया। खोपड़ी के खिलाफ आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरे पुलिस का कहना है कि आरोपी को मुंबई के उन सभी थानों के हवाले भी किया जाएगा, जहां-जहां उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तार होने के बाद आरोपी ने खुद कहा कि मुझे तो भगवान भी नहीं पकड़ पाते, लेकिन मैं पुलिसवालों को भूल गया था।

उपनिरीक्षक उल्हास खोलम ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस को चुनौती दी थी। ऐसे में मुखबिर से सूचना मिलते ही उसे दबोच लिया गया।