नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- देश की इकोनॉमी में सुस्ती पसरी हुई है. मंदी की मार के कारण कई उद्योगिक इंडस्ट्रीज अपना प्रोडक्शन घटाकर मैन पॉवर में कटौती कर रही है. लगभग हर क्षेत्र मंदी की चपेट में है, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर देखा जा सकता है. त्योहारों का दौर जारी है, लेकिन लोगों की क्रय शक्ति काफी कम हो गई है. इन हालातों से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए RBI कुछ उपाय अपना सकता है.
कल (4 अक्टूबर) मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग होने वाली है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद RBI रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा कर सकता है. फलस्वरूप बाजार में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और लोग एक बार फिर त्योहारों की शॉपिंग करने की हिम्मत जूता पाएँगे.
रेपो रेट घटने से लोगों की बढ़ेगी खरीददारी क्षमता
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि रेपो रेट कम होने से लोन सस्ते हो जाएंगे. इसका सकारात्मक असर कन्जूमर और होम लोन पर भी देखने को मिलेगा. अत: पर्चेसिंग पॉवर बढने से डिमांड पैदा होगी, जिससे इकोनॉमी भी बूस्ट हों सकेगी.
5 प्रतिशत तक आने की उम्मीद
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि RBI मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए इस कारोबारी साल में Repo rate को घटाकर 5 % पर ले आएगा. संभव है कि RBI दिसंबर में होने वाली MPC की बैठक में एक और कटौती करे.
बता दें कि RBI के MPC की पिछली बैठक में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी. इस बार उम्मीद है कि इसमें और कमी लाई जाए.
सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में भी की है कमी
हाल ही में आर्थिक व्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में कॉरपोरेट टैक्स में भी कटौती की है. सरकार ने इसे घटाकर 22.5% तक कर दिया है.
visit : http://punesamachar.com