हाउसिंग सोसायटी का हिसाब न दिया तो हो सकता है 25 हजार का जुर्माना

पुणे। समाचार ऑनलाइन
महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम में संशोधन के जरिए राज्य की सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं (हाउसिंग सोसायटी) को सुलभ व पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। नए प्रावधानों के अनुसार सोसायटी का कोई भी सदस्य पत्र लिखकर संस्था के हिसाब-किताब की मांग सकता है। अगर संस्था उसे हिसाब नहीं देती है, तो उस सोसाइटी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। राज्य मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में इस बदलाव को मंजूरी दी गई है।
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मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम 1960 में सहकारी गृह निर्माण संस्था के संदर्भ में धारा 154-बी को शामिल करने सहित कुछ धाराओं में सुधार करने का निर्णय लिया गया है। कानून में इस प्रकार के स्पष्ट प्रावधान करने से अनेक शिकायतों के हल होने में मदद मिलेगी। नए प्रावधान के तहत 200 या इससे कम सदस्यों वाली हाउसिंग सोसायटी के चुनाव संबंधित संस्था खुद ले सकेगी। साथ ही समिति के पदाधिकारियों को संबंधित प्रतिष्ठान को आवश्यक दस्तावेजों की प्रति नहीं देने पर 25 हजार रुपये के दंड का प्रावधान तथा सूचना के अधिकार के अनुसार व्यक्तिगत जानकारी को छोड़कर अन्य सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा सहयोगी सदस्यता की अवधारणा व प्रावधान को संशोधन किया गया है। अन्य प्रावधानों में सदस्य की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को हस्तांतरण और निधि के निवेश व उपयोग, संस्था पंजीकरण की शर्त, शेयर हस्तांतरण की मर्यादा, सदस्यों का प्रशिक्षण, कागजातों के अवलोकन का अधिकार, सदस्य के अधिकार और कर्तव्य सहित उनके मतदान का अधिकार, समिति की स्थापना, समिति संचालकों का आरक्षण, सदस्यों की अयोग्यता, गृह निर्माण संस्था का व्यवस्थापन, बकाया रकम की वसूली, सहकारी गृह निर्माण संस्था की देखभाल-दुरुस्ती इत्यादि प्रावधानों को शामिल किया गया है।