आरटीआइ कार्यकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी वेबसाइट पर कैसे पब्लिश की गई ?- हाईकोर्ट का सवाल

मुंबई, 6 नवंबर : करीब 4000 आरटीआइ कार्यकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी सूचना व प्रसारण मंत्रालय (आईएंडबी) की वेबसाइट पर कैसे पब्लिश हुई?  हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछते हुए सूचना व प्रसारण मंत्रालय के सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं.

सूचना व प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर खुद के बारे में दी गई जानकारी हटाने के लिए आरटीआइ कार्यकर्ता साकेत गोखले ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायाधीश मिलिंद जाधव की खंडपीठ की बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले की जांच करके तीन महीने में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश मंत्रालय को दिया है.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को गोखले की याचिका पर आये खर्च के रूप में 25 हजार रुपए देने के भी निर्देश दिए हैं. उनकी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक करने से उनका जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने की मांग के लिए गोखले को दिवानी कोर्ट जाने का निर्देश दिया गया है.

गोखले ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम आगे बढ़ाने की विनती सरकार से की थी. इसके बाद उनकी व्यक्तिगत जानकारी सूचना व प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर डाल दी गई. इसके बाद उन्हें कई लोगों ने फोन कर धमकी दी. उन्होंने खुद के हुए मानसिक तनाव के लिए 50 लाख रुपए की नुकसान भरपाई देने का निर्देश केंद्र को देने की मांग की थी.

कोर्ट ने तीन महीेने में रिपोर्ट देने के लिए कहा है. अगर ऐसा नहीं होता है तो गोखले फिर से याचिका कर सकते हैं.