अब यूपीएससी पास किये बिना ही बनेंगे आईएएस

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसके बाद अब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा पास किये बिना कि आप आईएएस अधिकारी बन सकेंगे। केंद्र सरकार ने लैटरल एंट्री के जरिये इस योजना को नया रूप दिया है। इसके अनुसार प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी नौकशाही का हिस्सा बन सकते हैं।

मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के तहत 10 ज्वॉइंट सेक्रेटरी पद के लिए योग्य लोगों की तलाश है। सरकार ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के लिए अधिसूचना जारी की है। डीओपीटी की अधिसूचना के तहत राजस्व, वित्तीय सेवा, आर्थिक मामले, कृषि, किसान कल्याण, सड़क परिवहन और हाइवे, शिपिंग, पर्यावरण विभाग में ज्वॉइंट सेक्रेटरी के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

न्यूनतम योग्यता?
विशेषज्ञता के अलावा इन पदों पर आवेदन के लिए न्यूनतम उम्र कम से कम 40 साल होनी चाहिए, जबकि अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। आवेदक का किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूशन से ग्रेजुएट होना जरूरी है।

कैसे की जाएगी नियुक्ति
ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में कोई लिखित परीक्षा नहीं है। शॉर्टलिस्ट किये गए उम्मीदवारों को बस इंटरव्यू से गुज़ारना होगा। कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी उनका इंटरव्यू लेगी। ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पदों के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट 30 जुलाई शाम 5 बजे तक है।

कार्यकाल और सैलरी
अधिसूचना के मुताबिक, सभी ज्वॉइंट सेक्रेटरी का कार्यकाल 3 साल का होगा। अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ, तो 5 साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है। इन अधिकारियों की सैलरी 1 लाख 44 हजार 200 से लेकर 2 लाख 18 हजार 200 रुपए तक होगी। इसके साथ ही इन्हें दूसरी सुविधाएं भी उसी तरह मिलेंगी।

क्या कहती है सरकार
इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा। इस बदलाव के पीछे सरकार का मकसद है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से विकास सुनिश्चित करने के लिए मौका मिले।