आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में 45 फीसदी कमी  

नई दिल्ली

प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई का शुद्ध लाभ 2017-18 की चौथी तिमाही में 45 प्रतिशत लुढ़ककर 1,142 करोड़ रुपए रह गया है। इसकी वजह तेज़ी से डूबता कर्ज है। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 2,038 करोड़ रुपए था। बैंक ने अपने बयान में कहा कि चौथी तिमाही में कुल एकीकृत आय 2016-17 में 28,603 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में 33,760 करोड़ रुपए हो गई। बैंक का शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत गिरकर 2017-18 की चौथी तिमाही में 1,020 करोड़ रहा, जो कि 2016-17 की इसी तिमाही में 2,025 करोड़ रुपए था। हालांकि, बैंक की कुल एकल आय चौथी तिमाही में बढ़कर 19,943 करोड़ पहुंच गई, जबकि 2016-17 की चौथी तिमाही में यह 16,585.76 करोड़ थी।

अनियमितता का आरोप
मार्च के अंत में बैंक का सकल एनपीए सकल कर्ज का 8.84 प्रतिशत हो गया, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 7.89 प्रतिशत पर था। बैंक का शुद्ध एनपीए मामूली रूप से गिरकर 4.89 प्रतिशत से 4.77 प्रतिशत रह गया। आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कुछ कंपनियों को कर्ज देने के मामले में अनियमितता बरतने के आरोपों के बाद यह नतीजे आए। आरोप है कि ऐसे कर्ज के बदले बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के परिवार के सदस्यों को वित्तीय लाभ प्राप्त पहुंचाए गए हैं। पूरे वित्त वर्ष (2017-18) के लिए बैंक का एकल शुद्ध लाभ 31 प्रतिशत गिरकर 2016-17 में 9,801.09 करोड़ रुपए से 2017-18 में 6,777 करोड़ रुपए रह गया।