आधे से ज्यादा शुल्क लिया तो कॉलेजों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन

सालाना आठ लाख रुपए से कम पारिवारिक आमदनी वाले कृषि, मेडिकल एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों से 50 फीसद से ज्यादा शुल्क लेनेवाले कॉलेजों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी राज्य सरकार ने दी है। ऐसे विद्यार्थियों को राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत फीस सरकार चुकाएगी। सरकार ने सभी संबंधित कॉलेजों को इसकी जानकारी दे दी है। साथ ही उन्हें चेताया है कि अधिक शुल्क लेनेवाले शिक्षा संस्थाओं पर वह कड़ी कार्रवाई करेगी। इस कार्रवाई के अधिकार तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशकों को सौंपी गई है।

इस छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों के शिक्षा शुल्क की 50 फीसदी रकम राज्य सरकार अदा करती है। यह रकम संबंधित महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षा संस्थान को डीबीटी के द्वारा दी जाएगी। इस योजना का फायदा उठा वही सकेंगे जिसकी पारिवारिक सालाना आय 8 लाख रुपये से कम होगी। ऐसे छात्रों को प्रवेश देते समय शिक्षा शुल्क की सिर्फ 50 फीसदी रकम लेकर ही उन छात्रों को प्रवेश देने के संदर्भ में महाविद्यालयों को इसके पूर्व ही सूचना दी गई है, लेकिन कुछ महाविद्यालय छात्रों को प्रवेश नहीं देने की शिकायतें आने से उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने परिपत्र जारी कर सभी महाविद्यालयों को सूचना देने के निर्देश तकनीकी शिक्षा निदेशालय को दिए हैं।

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री तथा मराठा आरक्षण समिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि, विविध 605 पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेनेवाले जिन छात्रों के परिजनों की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, उनके शिक्षा शुल्क की 50 फीसदी रकम राज्य सरकार की ओर से अदा किए जाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। साथ ही छात्रों को सुविधाएं मिले इसके लिए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते समय 50 फीसदी शुल्क लेकर प्रवेश देने की सूचना भी समय-समय पर दी गई है, लेकिन कुछ महाविद्यालय छात्रों को प्रवेश नहीं देने की शिकायतें आई है। राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र छात्रों से शिक्षा शुल्क की 50 फीसदी रकम लेकर ही उन्हें महाविद्यालयों में प्रवेश दिया जाएं अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।